कारण से विवाह नही हो पा रहा है??
तो आप इन उपायों के माध्यम से लाभ उठा सकते हैं|
इससे
सबसे पहली बात यह है
की आपकी पत्रिका में विवाह योग
होना आवश्यक है|
आप सर्वप्रथम
किसी ज्ञानी से
बारीकी से
अपनी पत्रिका का अध्यन करवा लें|
उनसे
यह पता करें आपकी पत्रिका में विवाह योग
हैं भी या नहीं|
यदि है
तो विवाह क्यूँ नही हो पा रहा है |
अगर कोई गृह रूकावट डाल रहा है तो सर्वप्रथम उस
गृह की शान्ति आवश्यक है|
यदि आपकी पत्रिका के अनुसार कोई गृह
ही समस्या दे रहा है,विवाह योग
भी है और विवाह
नहीं हो पा रहा है तो आप आगे दिए
जा रहे उपाय कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं|
विवाह योग्य लोगों को प्रत्येक गुरूवार को नहाने वाले
पानी में एक
चुटकी हल्दी डालकर स्नान
करना चाहिए|
केसर का भी प्रयोग
करना चाहिए|
यदि ऐसे लोग गुरूवार को गाय को भोग अर्थात दो आटे के पेड़े
पर थोड़ी हल्दी लगाकर थोडा गुड
तथा चने की गीली दाल
का भोग देना चाहिए|
भूलकर भी बजुर्गों का अपमान न करें|बजुर्ग
व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए|
यह प्रयोग शुकल पक्ष के प्रथम गुरूवार से
करना चाहिए|
गुरूवार की शाम को पांच प्रकार
की मिठाई के साथ
हरी इलाइची का जोड़ा तथा शुद्ध
घी के दीपक के साथ जल अर्पित
करना चाहिए|यह लगातार तीन गुरूवार
करना चाहिए|
गुरूवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरु के १०८ नामों के
उच्चारण के साथ शुद्ध
घी का दीपक तथा जल अर्पित
करना चाहिए|
अब यहाँ आपको ऐसा उपाय बताया जा रहा है
जिसका प्रयोग करने से विवाह में कोई
भी रूकावट
नही आएगी|जिस समय का योग
आपकी कुंडली में है,तो विवाह
उसी समय होगा|इसके लिए मंगलवार
को प्रातः सूर्योदय काल में एक सुखा नारियल लें|३०० ग्राम
बूरा यानि पीसी शक्कर तथा ११
रूपए का पंचमेवा मिला लें|नारियल मैं इतना बड़ा छेद करें,जिसमे
आपकी ऊँगली जा सके|उसमे
पीसी शक्कर व पंचमेवा मिलाकर
भर दें,और किसी पीपल के
नीचे थोडा गद्दा कर दबा दें|जो शक्कर बच जाये
उसे गद्दे के ऊपर ही डालकर एक पत्थर
रख दें|जिससे कोई जानवर उसे निकाल न सके|ऐसा आप सात
मंगलवार को करें|
किसी भी कन्या के लिए इसे लगातार
सात मंगलवार करना नामुमकिन है तो अस्वस्थ दिनों में न
कर के उसके बाद शुद्ध होने पर पुन:आरम्भ कर
सकती है|इस प्रयोग में यह
सावधानी रखनी है
की सोमवार की रात्रि से मंगलवार
प्रयोग होने तक जल
नहीं पीना है और
किसी से भी बात
नहीं करनी है|सात मंगल
होने के बाद आप स्वयं ही चमत्कार
देखेंगे|
यदि किसी कन्या की पत्रिका में
मंगली योग होने के कारण विवाह में बाधा आ
रही है तो व कन्या मंगल चंडिका स्त्रोत
का मंगलवार तथा शनिवार को सुंदर काण्ड का पाठ करे|इससे
भी विवाह बाधा दूर होती है|
शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल
कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान
पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात:स्नान करने
के बाद किसी बहते जल में प्रवाहित कर
दें|यह प्रयोग
भी चमत्कारी है|
शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को १२०० ग्राम
चने की दाल व सवा लीटर
कच्चा दूध दान करें|जब तक विवाह न हो ,तब तक
यह प्रयोग करते रहना है|इस प्रयोग में
आपका विवाह होना आवशयक है|
कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और
यदि वहन पर कन्या को मेहँदी लग रहे
हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस
कन्या के हाथ से लगवा ले तो विवाह का मार्ग प्रशस्त
होता है|
कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन
के रूप में कुछ दे|यदि विवाह में बुध रूकावट दे
रहा हो तो खरगोश को हरी घास खिलाएं|
कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के
लोग जब भी किसी के यहाँ जायें
तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए
उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे|विवाह
की चर्चा सफल होगी|
पूर्णिमा को वाट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से
भी विवाह बाधा दूर होती है|
गुरूवार को वाट,पीपल,केले के वृक्ष पर जल
अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|