हिंदुत्व का चमत्कार
इंदौर (अहिल्या नगरी) में शनिदेव
का प्राचीन व चमत्कारिक मंदिर जूनी में
स्थित है।
यह मात्र हिंदुस्तान
का ही नहीं, दुनिया का सबसे
प्राचीन शनि मंदिर है।
ऐसा माना जाता है
कि जूनी इंदौर में स्थापित इस मंदिर में शनि देवता स्वयं
पधारे थे।
इसका निर्माण किसी व्यक्ति नेनहीं किया है, बल्कि यह स्वनिर्मित है....।
एक कथा प्रचलित है कि -
मंदिर के स्थान पर लगभग 300 वर्ष पूर्व एक 20 फुट
ऊंचा टीला था, जहां वर्तमान पुजारी के
पूर्वज पंडित गोपालदास तिवारी आकर ठहरे।
एक रात
शनिदेव ने पंडित गोपालदास को स्वप्न में दर्शन देकर
कहा कि उनकी एक प्रतिमा उस टीले के
अंदर दबी हुई है।
शनिदेव ने पंडित गोपालदास को टीला खोदकर
प्रतिमा बाहर निकालने का आदेश दिया।
जब पंडित गोपालदास ने उनसे
कहा कि वे दृष्टिहीन होने से इस कार्य में असमर्थ
हैं, तो शनिदेव उनसे बोले- 'अपनी आंखें खोलो, अब
तुम सब कुछ देख सकोगे।'
आंखें खोलने पर पंडित गोपालदास ने पाया कि उनका अंधत्व दूर
हो गया है और वे सबकुछ साफ-साफ देख सकते हैं।
दृष्टि पाने
के बाद पंडितजी ने टीले को खोदना शुरू किया।
उनकी आंखें ठीक होने
की वजह से अन्य लोगों को भी उनके
स्वप्न की बात पर यकीन हो गया तथा वे
खुदाई में उनकी मदद करने लगे।
पूरा टीला खोदने पर पंडितजी का स्वप्न सच
साबित हुआ तथा उसमें से शनिदेव की एक
प्रतिमा निकली।
बाहर निकालकर
उसकी स्थापना की गई।
यही प्रतिमा आज इस मंदिर में स्थापित है।