किस मुहुर्त में करे दीपावली पूजन, जो खुश होकर कृपा बरसायें महालक्ष्मी-कुबेर….!
दीपावली लक्ष्मी पूजन- कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को श्री लक्ष्मी जी के पूजन का विशेष महत्व है। ब्रहमपुराण के अनुसार इस दिन अर्द्धरात्रि के समय महालक्ष्मी जी सदगृहस्थों के यहां यत्र-तत्र विचरण करती हैं |
दीपावली की रात्रि को कालरात्रि माना गया है। शक्ति संगम तंत्रा के काली खण्ड में अनेक विशिष्ट रात्रियों का विवरण दिया गया है। कालरात्रि को एक शक्ति माना गया है। आपको कालरात्रि (शक्ति) से प्रार्थना करनी है। उदीयमान सूर्य जैसी आभावाली, बिखरे हुए बालो वाली, काले वस्त्र धारण किये हुए चारों हाथों में क्रमशः दंण्ड, लिंग, वर एवं भुवन को धारण करने वाली, तीन नेत्र वाली, विविध आभूषणों से सुशोभित प्रसन्न वन्दना, देवगणों से सेवित एवं कामबाण से विकलित शरीर वाली माया राज्ञी कालरात्रि का ध्यान करता हूं। कालरात्रि को जहां शत्रु विनाशिनी माना गया है, वहां सुख सौभाग्य देने वाली भी माना गया है। मंत्र में इनको गणेश्वरी कहा गया है, जो रिद्धि-सिद्धि को देने वाली है। दीपावली की रात्रि में आधी रात के बाद डेढ से दो बजे तक के समय को महानिशा कहा गया है, जिसमें तंत्र की साधना का विशेष महत्व है। इसी समय लक्ष्मी जी की आराधना करने से अक्षय धन-धान्य की प्राप्ति होती है, यह समय लक्ष्मी प्राप्ति की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दीपावली के दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों तुला राशि में होते है, तुला का स्वामी शुक्र है, शुक्र धन-धान्य प्रदान करने वाला ग्रह है। इस दिन लक्ष्मी पूजन करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहुर्त-व्यवसायिक स्थल पर पूजा
प्रातः 8 बजे से 10.20 बजे तक, दोपहर 2.05 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक, गृहस्थ में पूजा- रात्रि 6.25 से रात्रि 8.20 बजे तक।
कैसे आयेंगी घर और व्यापार में महालक्ष्मी जी….करे ये आसान उपायः
1 सफेद रंग का अंगोछा व महिलाएं गुलाबी, पीला, लाल वस्त्र पहनकर श्री यंत्र के सम्मुख बैठकर मंत्र पढे।
मंत्र- ऊँ ह्रीं ह्रं सः नमः
यह मंत्र 11 माला करनी है, ऐसा करने से जीवन के सभी दुखों का नाश हो जाता है।
इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने का मंत्र
स्फटिक की माला से सर्वकार्य सिद्धि यंत्र के सामने 11 माला
यह मंत्र पढे लाभ होगा।
मंत्र- ऊँ हीं वाग्वादिनी भगवती मम सर्वकार्य सिद्धि करि-करि स्वाहा
दक्षिणावर्ती शंखकल्प:-
दक्षिणावर्ती शंख बहुत दुर्लभ शंख होता है, कमलगट्टे की माला से 11 माला की जाये, तो उचित लाभ होता है, दक्षिणावर्ती शंख को पूजा घर में रखा जाता है। शंख को रखने से साधक भाग्यशाली होकर भाग्यवान बनता है।
मंत्र- ऊँ श्रीं क्लीं ब्लूं दक्षिणा मुरूय शंख निधये समुद्र प्रभवाय नमः।।
आकस्मिक धन प्राप्ति प्रयोगः-
दीपावली की रात्रि में श्री यंत्र-कुबेर यंत्र के समक्ष साधक को निष्ठा से बैठकर श्रद्धापूर्वक स्फटिक की माला से 11 माला जाप करनी है। निश्चय ही जीवन में अनुकूल फल प्राप्त होगा।
मंत्र- ऊँ ठूं ठूं फट् फट् ऐं हीं श्रीं धनं देहि हीं स्वाहा।
कनक धारा प्रयोग-
कनक धारा यंत्र घर में वास करने से लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है, आर्थिक उन्नति अतिशीघ्र होने लगती है। कमलगट्टे की माला से 21 माला मंत्र जाप करें, आप 11 माला भी जाप कर सकते है।
मंत्र- ऊँ वं श्रीं वं ऐं हीं श्रीं क्लीं कनक धारायै स्वाहा।।
श्री यंत्र प्रयोगः- स्फटिक श्री यंत्र, भोजपत्र पर बने श्री यंत्र, तांबे के पात्र पर बने श्री यंत्र घर में स्थापित करके कमलगट्टे या स्फटिक की माला से 11 माला दोनों मंत्रों की करें, तो निरन्तर आर्थिक उन्नति होती रहती है। यह यंत्र सुखदायक व दरिद्रता नाशक होता है। व्यापार की बाधा खोलकर तरक्की का मार्ग प्रशस्त करता है।
लक्ष्मी मंत्र- ऊँ श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हीं श्रीं ऊं महालक्ष्मै नमः।।
कुबेर मंत्र- ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य दिपतये पतये धन-धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।।
ऊँ श्रीं ऊँ हीं श्रीं हीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः
बिल्ली की नाल (जेर) का प्रयोगः-
जिस घर में बिल्ली की नाल रहेगी, उस व्यक्ति के जीवन में भौतिक दृष्टि से कोई अभाव नहीं रहेगा। दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की होगी।
मंत्र:– ऊँ नमो आगच्छ सुर सुन्दरी स्वाहा, 11 माला एवं ऊँ एं हीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे का जाप करें।
गोमती चक्र प्रयोग- बड़ी दीपावली चक्र को दूध में धोकर पूजा करनी चाहिये। गोमती चक्र की पूजा से दुर्भाग्य का नाश होता है।
मंत्र:-ह्रीं लक्ष्मी दुर्भाग्यनाशिनी सौभाग्य प्रदायनी श्रीं स्वाटा।।
लघु नारियल प्रयोग- लघु नारियल बहुत ही दुर्लभ होते हैं। इनका लक्ष्मी पूजन में बहुत महत्व है। धूप/दीप दिखाकर पूजन करना चाहिये। स्फटिक की माला करें, प्रभु कृपा बरसेगी। मंत्र- !!श्रीं!!
लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिये सटीक मंत्र/स्त्रोत करने चाहिए, इनके करने से जीवन पर्यन्त लक्ष्मी जी का अभाव नहीं रहता। जैसे-महालक्ष्मी गायत्री पाठ।
1 लक्ष्मी चालीसा।
2 लक्ष्मी कवच।
3 लक्ष्मी सहस्रनाम।
4 कनकधारा स्त्रोत।
5 श्री सूक्त।
6 लक्ष्मी सूक्त
7 कुबेर मंत्र साधना।
देव-पितरो को मनाने का दिन :-
हमारे पूर्वज सदा हम पर कृपा बरसाये, यही सब लोग चाहते हैं। दीपावली की सुबह (अमावस्या) को सूर्य की सोलहवीं किरण अभा का पृथ्वी पर वास होता है और इस दिन यह वरदान है, कि जो भी व्यक्ति गंगास्नान कर दान-पूजा पितृ पूजा करेगा उसे तभी फल मिलना शुरू हो जायेगा। इसीलिए सभी लोग अनेकों तरीको से अपने पूर्वजों की पूजा अर्चना करते हैं,क्योंकि सब कुछ उन्ही का दिया हुआ है।
1 देव पित्रो के थान पर जाकर पूजा अर्चना करना।
2. पंड़ित जी को या किसी संत को वस्त्र/भोजन/दक्षिणा देना।
3. सूर्य की उपासना करते हुए ललिता देवी की पूजा करना व अपने पूर्वजों को मीठा जल अर्पित करना।
4. गंगाजी के घाट पर स्नान/दान करना।
5. देव पितृ स्थल पर/फोटो आदि की सफाई करके पुष्प अर्पित करना।
इस दिन प्रातः काल हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है, जिन व्यक्तियों पर शनि, राहु, मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव वाली दशा हो, तो उन्हें हनुमानजी पर चोला चढा कर प्रसाद चढाना चाहिये व हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानष्टक, आरती करनी चाहिये।
सुन्दर कांड़ का पाठ प्रभु का ध्यान लगाकर करें।
समृद्धि प्राप्त करने व सभी परेशानियों को दूर करने के लिये हनुमान बाहुक का पाठ करें।
राम नाम की तीन माला मंदिर में करें।
मीठा रोटा/मीठा पान/ बेसन के लड्डू का प्रसाद चढ़ायें।
1. घर के मुख्य द्वार पर लाल कपडे में 2 जायफल साबूत लपेट कर लगायें।
2. सात मिर्च एक नींबू व कच्चा कोयला मुख्य द्वार पर टांगे।
3. घर में गाय के उपले पर गूगल /लोबान की धूनी दें।
4 गाय के उपले पर गूगल /लोबान/पीली सरसों/लोंग हरमल/कपूर जलाकर धूनी दें व उच्च आवाज में बजरंग बाबा का पाठ करें।
5 सात दीपक घी के व 4 मोमबत्ती जलाकर अपने घर के पूजा घर में नारायणास्त्र का 11 बार पाठ करें। कैसा भी बंधन हो दूर हो जायेगा।
6 गाय के उपले पर घी की आहूति देते हुए देवी के सिद्ध कुंज्जिका स्त्रोत का पाठ 11 बार करें।
7 दाग रहित नींबू लेकर पूरे घर में घुमाकर दहलीज पर काटकर, नाली में या चौराहे पर फेंके सभी नजर/टोटके खत्म हो जायेंगे।
8 घर की चौखट पर शुकरदंत काले कपड़े में बांधने पर कोई भी टोटका या बुरा प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है।
9 जो बच्चे डरते हैं या बार बार नजर लगती हो, तब शुकर दंत को इत्र में डूबोकर चांदी में जडवाकर गले में धारण करना चाहिये।
10 सुन्दरकांड़ का पाठ करते हुए हवन करें,सटीक उपाय है। सभी नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जायेगी।
–ज्योतिषविद संजय सक्सेना
MO-9837400222