Ved Vyas Cave
वेद व्यास गुफा,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHMCPcemfD5ZdE42LKuP7E4k1Zf8s4AOkOpfIqjyD8NcMztARvNHZVDjvaH9sXCe5LLE-QUhn9nSuyusnZ7Z943tEwnR8tlYMHJOJFTCJYvwd6AP4Mcg2n3v6Gs2rxXJ1THnLECnu7Eeyi/s640/3632887354_ecb6aa4c5d_b.jpg)
जहाँ लिखी गयी थी महाभारत -
बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माणा गांव
पर्वतीय क्षेत्र है। इसलिए इसके आस-पास अनेक
चट्टानों में गुफाएं हैं। प्राचीन काल में इन गुफाओं में
बैठकर ही ऋषि-मुनियों ने तपस्या की। इन
गुफाओं में सबसे प्रसिद्ध है - व्यास गुफा।
मान्यता है कि इसी गुफा में महर्षि वेद व्यास ने
महाभारत की रचना की थी।
महाभारत जैसे महान और बड़े ग्रंथ की रचना के लिए
जिस शांत माहौल और एकाग्रता की जरुरत
थी। वह आज भी इस गुफा में प्रवेश करने
पर महसूस होती है।
व्यास गुफा बड़े क्षेत्र में फैली है। इस गुफा में वेद व्यास
की प्रतिमा है। व्यास
गुफा सरस्वती नदी के तट पर स्थित है।
इसके समीप अलकनंदा और
सरस्वती नदी का संगम है। यह स्थान
केशव प्रयाग कहलाता है। माणां गांव के ऊपरी क्षेत्र में
स्थित हिमनद से सरस्वती का उद्गम माना जाता है। यह
माणां गांव के पास से गुजरती हुई केशव प्रयाग में
अलकनंदा से मिल जाती है।
सरस्वती नदी का जल साफ और
नीला दिखाई देता है। मान्यता है कि
वेदव्यास ने सरस्वती नदी के किनारे पर
महाभारत के साथ ही श्रीमद्भागवत और
१८ पुराणों की रचना की। जो एक दिव्य और
अद़भुत कार्य था, जो देवीय कृपा के बिना संभव
नहीं था। यह शक्ति उनको माता सरस्वती के
आशीर्वाद से प्राप्त हुई। जिसे ज्ञान, विद्या और
बुद्धि की देवी माना जाता है। इसलिए यहां पर
माता सरस्वती के रुप में
सरस्वती नदी और उसके तट पर व्यास
गुफा का स्थित होना धार्मिक आस्था बढ़ाता है। यही वह
स्थान है, जहां से ज्ञान और अध्यात्म का उजाला पूरे जगत में
फैला।
इस गुफा में वेद व्यास की प्रतिमा ह