फोटो और हिंदी अनुवाद नीचे है...
Shiva ling came flying through the mountains, and embrace the coming of thousands of snakes
Chandigarh. It is the year 2007, when the capital of Himachal Pradesh, Shimla and Naldehra near Bldehra mountains near the blast was being road construction.
This religious site neighboring states of Haryana, Punjab and Chandigarh faith remains.
These states forehead resting on the weekends, thousands of tourists come here.
The priest Hemraj know the secret of the temple.
Shiva cave story is a miracle in itself. Sheshnag on the rocks inside the cave appears to feature, as well as a sculpted Ganesha appears on the stones.
Says there are thousands of snakes come out as soon as it Shivling Shivling was wrap.
Stepping out of Shivling there was another miracle.
So was the whole story of the Shiva cave, where even today are only visible on the Shivling snake wrapped.
Strot- Dainik Bhaskar
A City live dot com
पहाडों को चीरता हुआ निकला शिवलिंग, और लिपट गए आकर हजारों सांप
चंडीगढ़। यह बात वर्ष 2007 की है, जब हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समीप बलदेहरा और नालदेहरा के पास पहाड़ों को ब्लास्ट करके सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा था।
इसी बीच पहाड़ों को चीरता हुआ यह छोटा सा शिवलिंग बाहर निकल आया और इसके बाहर निकलते ही हजारों सांप उस शिवलिंग के पास आकर लिपट गए।
तब से लोग इस जगह को शिव गुफा के नाम से जानने लगे और इसी जगह शिव गुफा के नाम से एक मंदिर का निर्माण भी कर दिया गया।
इस कहानी को सुनाने वाले और कोई नहीं बल्कि खुद उस मंदिर के पुजारी हेमराज थे, जिन्होंने अपनी आंखों से इन घटनाओं को देखा था।
यह धार्मिक स्थल पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों की आस्था केंद्र बना हुआ है।
इन राज्यों से विकेंड में हजारों पर्यटक यहां पर माथा टेकने आते है।
वैसे तो हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं के लिए शुरू से ज्यादा प्रचलित रहा क्योंकि हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं की अनेकों कहानियां यहां मौजूद हैं और यही कारण है कि आज भी यहां कुछ न कुछ नए चमत्कार होते ही रहते हैं, तो आइए आज शिव गुफा मंदिर के पुजारी हेमराज से जानते हैं इस मंदिर का रहस्य।
शिव गुफा की कहानी भी खुद में एक चमत्कार है। इस गुफा के अंदर चट्टानों पर शेषनाग की आकृति दिखाई देती है, साथ ही गणेश भगवान भी पत्थरों पर ऐसे उकेरे हुए नजर आते हैं।
शिव गुफा के पुजारी हेमराज बताते हैं कि वर्ष 2007 में जब सड़क निर्माण के लिए पहाड़ों में ब्लास्ट किया जा रहा था, तभी यह छोटा सा शिवलिंग वहां से उत्पन्न हुआ। कहते हैं जैसे ही यह शिवलिंग निकला वहां हजारों सांप आकर शिवलिंग से लिपट गए।
शिवलिंग के निकलते ही वहां एक और चमत्कार हुआ। जब इंजीनियर उस पहाड़ को ब्लास्ट करने लगे तो वह शिवलिंग अपनी जगह से हिला तक नहीं और न ही उस जगह के आगे की चट्टान ब्लास्ट हुई।
इतना कुछ हो जाने के बाद वहां के लोगों ने इस सड़क निर्माण को रूकवा दिया और वहां भगवान शिव के नाम से शिव गुफा मंदिर बनवा दी। तो यह थी इस शिव गुफा की पूरी कहानी, जहां आज भी शिवलिंग पर सांप लिपटे हुए दिख ही जाते है।
स्त्रोत- दैनिक भास्कर
अ सिटी लाइव डॉट कॉम के लिए