बेस्ट शायरी हिंदी दो 2 line लाइन शायरी का अब तक का सबसे बड़ा संग्रह two 2 line shayari hug collection

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दोस्तों,

इस सूत्र में पेश करूँगा हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के मशहूर शायरों के चंद शेर.....

मुझे इन शायरों के नाम तो नहीं पता,

मगर ये सारे शेर मुझे बहुत ही पसंद हैं.

आप भी २ या ४ लाइन के शेर इस सूत्र में रख कर सूत्र की सुन्दरता बढायें.....
fullmoon
01-04-2011, 02:30 PM
उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती ,

बस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती.
fullmoon
01-04-2011, 02:32 PM
मौत आई तो क्या मैं मर जाऊँगा?

मैं तो इक दरिया हूँ, जो समंदर में मिल जाऊँगा.
fullmoon
01-04-2011, 02:35 PM
नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया,

इतने हुए जलील, की खुददार हो गए...
fullmoon
01-04-2011, 02:38 PM
उसको रुखसत तो किया था, मुझे मालून न था.

सारा घर ले गया, छोड़ के जाने वाला.....
fullmoon
01-04-2011, 02:40 PM
सर पर चढ़कर बोल रहे हैं, पौधे जैसे लोग,

पेड़ बने खामोश खड़े हैं, कैसे-कैसे लोग.....
fullmoon
01-04-2011, 02:49 PM
जो चीज़ उन्होंने ख़त में लिखी थी, नहीं मिली.

ख़त हमको मिल गया है, तस्सली नहीं मिली.....
fullmoon
01-04-2011, 02:53 PM
अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे.,

ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो.....
fullmoon
01-04-2011, 02:54 PM
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,

अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो....
hsaxsena8
01-04-2011, 03:43 PM
मैंने उसका हाथ थमा था राह दिखने को,
अब ज़माने को दर्द हुआ तो मैं क्या करूँ ?
fullmoon
01-04-2011, 04:10 PM
किसी को मकां मिला,किसी के हिस्से में दुकां आई,

मैं घर में सबसे छोटा था,मेरे हिस्से में माँ आई.....
fullmoon
01-04-2011, 04:12 PM
मुझको थकने नहीं देता , ये ज़रुरत का पहाड़.

मेरे बच्चे मुझे बूढा होने नहीं देते......
fullmoon
01-04-2011, 04:14 PM
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया .....
fullmoon
01-04-2011, 04:16 PM
गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश ,

वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं.......
fullmoon
01-04-2011, 04:18 PM
प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद ,

जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये.......
fullmoon
01-04-2011, 07:59 PM
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ,

आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ.....
alvi
01-04-2011, 08:25 PM
fullmoon जी एक से बड़कर एक शायरी मारी है आप ने मेरी तरफ से ये रहा
वो खुदगर्ज हो गए तो मै क्या करू
मुझे उनकी वफा भुलाई नही जाती
BHARAT KUMAR
02-04-2011, 06:41 AM
बहुत ही जबरदस्त संग्रह.. और भी लिखिए फुल मून जी

बेमिसाल.. खासतोर से माँ ..
बहुत दिल को छु गयी ये लाइनें

मैं भी कुछ पक्तियां डालना चाहूँगा,,, फुल मून जी कोई परेशानी तो नहीं?
man-vakil
02-04-2011, 08:06 AM
मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर है पेश करता हूँ:

बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले..बहुत निकले मगर मेरे अरमान दिल से लेकिन कम निकले..
निकलना खुल्द( स्वर्ग) से आदम का सुनते आये थे, हुआ मालुम तब , तेरे कूचे से जब हम निकले..
man-vakil
02-04-2011, 08:08 AM
मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर है पेश करता हूँ:
"दिल-इ-नादान तुझे हुआ क्या है..आखिर इस दर्द की दवा क्या है..
हमको उनसे से वफ़ा की उम्मीद ..जो नहीं जानते वफ़ा क्या है.."
lalit1234
02-04-2011, 08:49 AM
मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर है पेश करता हूँ:

बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले..बहुत निकले मगर मेरे अरमान दिल से लेकिन कम निकले..
निकलना खुल्द( स्वर्ग) से आदम का सुनते आये थे, हुआ मालुम तब , तेरे कूचे से जब हम निकले..


मन जी ग़ालिब का ये शेर इस प्रकार है
" हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले ,
बहुत निकले मेरे अरमां मगर फिर भी कम निकले !
डरे क्यूँ मेरा कातिल ? क्या रहेगा उसकी गर्दन पर ,
वो खूँ जो चश्मेतर से उम्रभर यूँ दमबदम निकले !
निकलना खुल्द से आदम का सुनते आये थे लेकिन,
बहुत बेआबरू होकर तेरे कुचे से हम निकले !!""

ग़ालिब की एक शायरी हम भी पेश करते हैं
" हर एक बात पे कहते हो तुम की तू क्या है,
तुम्ही कहो की ये अंदाज-ए-गुफ्तगुं क्या है!
जला है जिस्म जहाँ , दिल भी जल गया होगा ,
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजूं क्या है!
रंगों में दोड़ने फिरने के, हम नहीं कायल ,
जब आँख ही से ना टपका तो लहू क्या है !
वो चीज़ जिसके लिए हो हमको हो बहिश्त ( स्वर्ग) अज़ीज़
सिवाए बादा-ए-गुल्फामें(सुन्दर) मुश्कबू (कस्तूरी या सुगंध ) क्या है !!"
fullmoon
02-04-2011, 07:43 PM
बहुत ही जबरदस्त संग्रह.. और भी लिखिए फुल मून जी

बेमिसाल.. खासतोर से माँ ..
बहुत दिल को छु गयी ये लाइनें

मैं भी कुछ पक्तियां डालना चाहूँगा,,, फुल मून जी कोई परेशानी तो नहीं?


don भाई,

अगर आपके पास भी इन महान शायरों के शेर हैं,तो यहाँ अवश्य पोस्ट करें,
मैंने ये सूत्र बनाया ही इसीलिए है ताकि मैं भी अपने संग्रह में कुछ और बेहतरीन शेरों को जोड़ सकूँ,
जो की मुझे आप जैसे मित्रों से ही प्राप्त होंगे.
fullmoon
02-04-2011, 07:44 PM
प्यार,,,,प्यार भी कभी पूरा होता है?

इसका तो पहला अक्षर ही अधूरा होता है.
fullmoon
02-04-2011, 07:47 PM
है जमाने की बुराई हममे,

हम जमाने को बुरा कहते हैं.

जो समझ में ना किसी के आये,

हम उसी को खुदा कहते हैं......
fullmoon
02-04-2011, 07:50 PM
ठहरी है तो इक चेहरे पे ठहरी रही है बरसों,

भटकी है तो फिर आँख भटकती ही रही है.......
Noctis Lucis
02-04-2011, 08:09 PM
उलझा दिया दीमक ने ये कैसे शरारत की
कागज तो नहीं चाटा ,तहरीर मिटा दी है
Noctis Lucis
02-04-2011, 08:12 PM
मार ही डाले जो बेमौत, ये दुनिया वाले
हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं /
fullmoon
03-04-2011, 12:22 PM
कही से सुना था उसने, की जीवन काँटों भरा होता है,

तब से सदा वो दूसरों के जीवन में कांटे बोता है.....
fullmoon
03-04-2011, 12:24 PM
दिल के फफोले जल उठे , सीने के दाग से,
इस घर को आग लग गयी, घर के चिराग से.....
fullmoon
03-04-2011, 12:26 PM
कौन कहता ही की छेद आसमां में हो नहीं सकता,

इक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों.......
fullmoon
04-04-2011, 02:34 PM
मेहरबान होकर बुला लो मुझे जिस वक़्त,

मैं गया वक़्त नहीं की फिर आ भी ना सकूँ.....
fullmoon
04-04-2011, 02:37 PM
रस्ते को भी दे दोष , आँखें भी कर लाल,

चप्पल में जो कील है , पहले उसे निकाल.....
fullmoon
04-04-2011, 02:39 PM
कोई इसके साथ है , कोई उसके साथ है ,

देखना ये चाहिए , मैदान किसके हाथ है.....
fullmoon
05-04-2011, 09:16 PM
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,

तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते.....:tuta-dil:
fullmoon
05-04-2011, 09:19 PM
खुद को पढता हूँ, फिर छोड़ देता हूँ,

रोज़ ज़िन्दगी का एक हर्फ़ मोड़ देता हूँ...
fullmoon
05-04-2011, 09:26 PM
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,

आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है.....
fullmoon
06-04-2011, 04:55 PM
दुश्मनी का सफ़र एक कदम दो कदम,

तुम भी थक जाओगे, हम भी थक जाएंगे.....
fullmoon
06-04-2011, 04:58 PM
नन्हे बच्चों ने छू लिया चाँद को,
बूढ़े बाबा कहानी ही सुनाते रह गए..... ..
punjaban rajji kaur
07-04-2011, 07:19 AM
waah waah
waah waah
fullmoon
08-04-2011, 10:03 PM
जाती है धूप उजले परों को समेट के,

ज़ख्मों को अब गिनूंगा मैं बिस्तर पे लेट के.....
fullmoon
08-04-2011, 10:11 PM
कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे,

आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है.....
fullmoon
08-04-2011, 10:12 PM
दिल की ना रह दिल में, ये कहानी कह लो,

चाहे दो हर्फ़ लिखो,चाहे जबानी कह लो,

मैंने मरने की दुआ मांगी,जो पूरी ना हुयी,

बस इसी को मेरे जीने की कहानी कह लो.......
fullmoon
08-04-2011, 10:14 PM
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद है,

देखना है , फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन......
fullmoon
09-04-2011, 05:42 PM
मैंने कहा कभी सपनो में भी शक्ल ना मुझको दिखाई,

उसने कहा, मुझ बिन भला तुझको नींद ही कैसे आई?
fullmoon
09-04-2011, 05:43 PM
मुझ में तुझ में फर्क नहीं,मुझ में तुझ में फर्क है ये ,

तू दुनिया पर हँसता है,दुनिया मुझ पर हंसती है.....
fullmoon
09-04-2011, 05:45 PM
तुमको गैरों से कब फुर्सत,

हम अपने गम से कब खाली,

चलो बस हो चुका मिलना,

ना तुम खाली ,ना हम खाली.....
fullmoon
09-04-2011, 05:49 PM
ना समझने की ये बातें हैं, ना समझाने की,

ज़िन्दगी उचटी हुयी नींद है दीवाने की......
fullmoon
10-04-2011, 11:04 AM
दिल मुझे तितली का टूटा हुआ पर लगता है,

अब तेरा नाम भी लिखते हुए डर लगता है.....
fullmoon
10-04-2011, 11:05 AM
ज़िन्दगी से जो भी मिले , सीने से लगा लो,

गम को सिक्के की तरह उछाला नहीं करते......
fullmoon
10-04-2011, 11:07 AM
साहिल से सकूँ से किसे इनकार है लेकिन,

तूफ़ान से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है.....
fullmoon
10-04-2011, 11:08 AM
मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए,

वो समझाते-सम्झाते खुद ही रो दिए.....
Ranveer
10-04-2011, 12:11 PM
सताइशगर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़े-रिज्वॉ का,
वह इक गुलदस्तः है हम बेख़ुदों के ताक़े-निसियाँ का ।


मतलब जिस ज़ाहिद (परहेज़गार, संयमी) जिस स्वर्गोद्यान की इतनी प्रशंसा करता है और हमें प्रलोभन देकर उधर आकर्षित करना चाहता है, हमारे-जैसे बेख़ुद लोग उसकी परवाह भी नहीं करते, उसे रखकर भूल जाते हैं ।
इसमें ताक़े-निसियाँ का अर्थ वह ताक जिस पर कुछ रखकर भूल जाएँ । प्रायः गुलदस्ता ताक़ में ही सजाया जाता है ।
Ranveer
10-04-2011, 12:14 PM
ख़ामोशी में निहाँ खूँगश्तः लाखों आरजुएँ हैं,
चिराग़े-मुर्दः हूँ मैं बेज़बाँ गोरे गरीबाँ का ।


"जिस प्रकार परदेसियों और पथिकों की क़ब्रों के बुझे हुए दीपक उनकी लाखों कामनाओं को अपने कलेजे में छिपाए होते हैं वैसे ही मेरे मौन में भी रक्तरंजित लाखों कामनाएँ निहित है ।" यहाँ चिराग़े-मुर्दः का मतलब बुझा हुआ या मौन दीपक से है ।
Ranveer
10-04-2011, 12:19 PM
कुछ खटकता था मेरे सीने में लेकिन आख़िर,
जिसको दिल कहते थे सो तीर का पैकाँ निकला ।


अर्थात "मेरे सीने में कुछ खटकता तो था । मैं उसे अपना दिल समझ रहा था पर आख़िर देखा गया तो वह तीर का पैकाँ (नोक) निकला । आँखों के वाण से दिल तो बिंधता ही है, वह तो एक सामान्य सी बात है पर यहाँ वाण ही दिल बन गया है ।
John69
10-04-2011, 02:18 PM
जॉन (ग़ालिब) छुटी शराब पर अब भी कभी-कभी,
पीता हूँ रोज-ऐ-अब्र-ओ-शब्-ऐ-माहताब में....................
fullmoon
11-04-2011, 04:48 PM
जनम मरण का साथ था जिनका, उन्हें भी हमसे बैर,

वापिस ले चल अब तो हमे, हो गयी जग की सैर....
fullmoon
11-04-2011, 04:49 PM
अपने ही साए में था, मैं शायद छुपा हुआ,

जब खुद ही हट गया, तो कही रास्ता मिला.....
fullmoon
11-04-2011, 04:51 PM
ना समझने की ये बातें हैं, ना समझाने की,

ज़िन्दगी उचटती हुयी नींद है दीवाने की....
fullmoon
11-04-2011, 04:52 PM
आज आगोश में था और कोई ,

देर तक हम तुझे न भुला सके .....
fullmoon
11-04-2011, 04:54 PM
अचानक चौंक उठा हूँ , जिस दम पड़ी है आँख ,

आये तुम आज भूली हुयी याद की तरह......
ras
11-04-2011, 04:54 PM
फूल्मून भाई हम आपका विश्व सिनेमा वाले section में कब से वेट कर रहे हैं और आप यहाँ हैं. कुछ निगाहें करम इधर भी जी, हम आपके साइलेंट फेन हैं.
fullmoon
15-04-2011, 11:41 AM
जिंदगी में खूब कमाया , क्या हीरे क्या मोती ,

क्या करूँ मगर कफ़न में जेबें नहीं होती......
fullmoon
15-04-2011, 11:43 AM
जवानी जाती रही और हमें पता भी ना चला ,

उसी को ढूंढ रहे हैं , कमर झुकाए हुए,,,,
fullmoon
16-04-2011, 05:53 PM
वो अपने आप को बेहतर शुमार करता है ,

अजीब शख्स है , अपना ही शिकार करता है.....
fullmoon
16-04-2011, 05:54 PM
ले के उस पार ना जायेगी जुदा राह कोई ,

भीड़ के साथ ही दलदल में उतरना होगा.....
fullmoon
16-04-2011, 05:56 PM
अँधेरा कब्र का इतने में ही खुश है ,

की जलता है कोई ऊपर दिया तो...
fullmoon
16-04-2011, 05:57 PM
बस इतनी सी बात पे दुनिया गिनती है नादानों में ,

प्यार की गर्मी ढूंढ रहा हूँ , बर्फीली चट्टानों में....
marwariladka
16-04-2011, 11:12 PM
फूल मून जी..आप आये बहार ई..कृपया जरी रखिये....
fullmoon
17-04-2011, 07:01 PM
बात कम कीजिये ,जहालत छुपाते रहिये,

अजनबी दुनिया है , दोस्त बनाते रहिया ,

दिल मिले ना मिले , हाथ मिलाते रहिये...
fullmoon
17-04-2011, 07:08 PM
सफ़र में मुश्किलें आयें, तो जुर्रत और बढती है ,

कोई जब रास्ता रोके , तो हिम्मत और बढती है....
fullmoon
17-04-2011, 07:10 PM
हादसों की ज़द में हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें ,

जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें ??/
raj_mishra121
18-04-2011, 01:21 PM
वो झूद भी बोल रहा था बड़े सलीके से
मैं एइत्बार ना करता तो क्या क्या करता
raj_mishra121
18-04-2011, 01:42 PM
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ
सर झुकना नहीं आता तो झुकाए कैसे
raj_mishra121
18-04-2011, 01:43 PM
मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया
उसको भी मुझे छौड के जाना नहीं आता
raj_mishra121
18-04-2011, 01:51 PM
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का
मैं इक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता
Noctis Lucis
18-04-2011, 02:06 PM
इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग ,
रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग
Noctis Lucis
18-04-2011, 02:09 PM
उजाले में शमा जलाने से क्या फायदा
वक्त गुजरने के बाद पछताने से क्यां फायदा
fullmoon
18-04-2011, 02:33 PM
राज जी और साजिद जी,

आप दोनों के पास बेहतरीन शेरों का संकलन है.

कृपया ऐसे ही और शेर पेश करते रहें.
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:02 PM
दिल में अरमान बहुत हैं सजाऊँ कैसे,
तेरी याद बहुत आये ,भुलाऊँ कैसे
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:03 PM
तेरा मिलना लाख खुशी की बात सही
पर तुझसे मिलके ,उदास रहते हैं
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:06 PM
खत पे खत हमने भेजे पर जवाब आता नहीं
कौन सी ऐसी खता हुयी मुझ को याद आता नहीं
Nisha.Patel
18-04-2011, 03:07 PM
कहाँ से आ गयी दुनिया कहाँ, मगर देखो,
कहाँ-कहाँ से अभी कारवाँ गुज़रता है।





हम वहाँ हैं जहाँ अब अपने सिवा,
एक भी आदमी बहुत है मियाँ।









टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,
धज्जी-धज्जी रात मिली।
जिसका जितना आंचल था,
उतनी ही सौग़ात मिली।।
जब चाहा दिल को समझें,
हंसने की आवाज़ सुनी।
जैसे कोई कहता हो, लो
फिर तुमको अब मात मिली।।
बातें कैसी ? घातें क्या ?
चलते रहना आठ पहर।
दिल-सा साथी जब पाया,
बेचैनी भी साथ मिली।।









उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये







हमने इक शाम चराग़ों से सजा रक्खी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रक्खी है








दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है
चले आओ जहाँ तक रौशनी मालूम होती है








मुझसे मत जी को लगाओ कि नहीं रहने का
मैं मुसाफिर हूँ कोई दिन को चला जाऊँगा









आज सोचा तो आँसू भर आये
मुद्दतें हो गईं मुस्कराये
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:08 PM
दोस्तों ने हर कदम पे रुसवा किया
तब से मुझे दुश्मनों की दुश्मनी अच्छी लगी
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:09 PM
आईना टूट भी जाए तो कोई बात नहीं
लेकिन दिल न टूटे ये बिकते नहीं बाजारों में
Noctis Lucis
18-04-2011, 03:11 PM
ऐ दोस्त ,मेरी दोस्ती में क्या कमी है ,
क्यूँ दिल में गम और पलकों में नमी है
Nisha.Patel
18-04-2011, 03:18 PM
'परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में,
हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में।'








एक काँच ने पत्थर से मोहब्बत करली !
टकरा कर उससे अपनी जिंदगी चकनाचूर करली !!
काँच की दीवानगी तो देखिए......!
अपने हजारो टुकरो में भी उसकी तस्वीर भरली !!






रुला कर वो हमें खुश हो जायेंगे !
साथ में न सही दूर जाके मुस्कुरायेंगे !!
दुवा हैं खुदा से उनको दर्द न देना !
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे !!












उनकी याद में जलना अजीब लगता हैं !
धीरे - धीरे से पिघलना अजीब लगता हैं !!
सारी दुनियाँ के बदलने से मुझे फर्क नहीं परता !
बस कुछ अपनों का बदलना अजीब लगता हैं !!










मेहनत लगती हैं सपनो को हकीकत बनाने में !
होसला लगता हैं बुलंदियों को पाने में .....!!
अरसा लगता हैं एक जिंदगी बनाने में !
जिंदगी भी कम पर जाती हैं एक सच्चा दोस्त पाने में !!












हर खामौशी में दो बात होती हैं !
हर दिल में एक याद होती हैं !!
आपको पता हो या न हो ...!
आपकी ख़ुशी के लिए रोज हमारी फरियाद होती हैं !!













रूठे हुए को मनाना जिंदगी हैं !
दुसरो को हँसाना जिंदगी हैं !!
कोई जीत कर खुश हुवा तो क्या हुवा !
सब कुछ हार कर मुश्कुराना जिंदगी हैं !!











मुमकिन नहीं इस प्यार को भुला पाना !
मुमकिन नहीं आपको यादों से मिटा पाना !!
आप एक कीमती तोहफा हो दोस्ती का !
मुमकिन नहीं इस तोहफे की किम्मत चूका पाना !!
Nisha.Patel
18-04-2011, 03:26 PM
बहुत ही अच्छा सूत्र हे फूल्मून जी
fullmoon
18-04-2011, 03:39 PM
बहुत ही अच्छा सूत्र हे फूल्मून जी



निशा जी,

बहुत ही अच्छे शेर पेश किये आपने,सीधे दिल को छूते हैं.

इन्हें मैं अपने personal collection में संभाल के रख लूँगा.

आभार के साथ reputation स्वीकार करें.
fullmoon
18-04-2011, 03:43 PM
तेरा मिलना लाख खुशी की बात सही
पर तुझसे मिलके ,उदास रहते हैं



साजिद जी,

आपके इस कवि ह्रदय के लिए मेरी तरफ से reputation .....
Nisha.Patel
18-04-2011, 03:50 PM
शुक्रिया फूल्मून जी
आभार


निशा जी,

बहुत ही अच्छे शेर पेश किये आपने,सीधे दिल को छूते हैं.

इन्हें मैं अपने personal collection में संभाल के रख लूँगा.

आभार के साथ reputation स्वीकार करें.
Nisha.Patel
18-04-2011, 03:59 PM
साजिद जी आप ऐसे ही इस सूत्र मैं भी योगदान देते रहे और बाकि सभी को भी मेरी तरफ से सुभकामनाये
धन्यवाद
Cool
18-04-2011, 05:25 PM
MAT PUCH KE KYA HAAL HAI TERA MERE AAGE.
MAT PUCH KE KYA HAAL HAI TERA MERE AAGE.
YE DEKH KE KYA RANG HAI MERA TERE AAGE.
SUNIL1107
18-04-2011, 07:22 PM
तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना,
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता !
SUNIL1107
18-04-2011, 07:25 PM
बिजली सी कौंद गयी आँखों के आगे, तो क्या,
बात करते कि मैं लब-तश्नऐ-तक़री भी था !


"वह आकर और एक झलक-सी दिखलाकर ग़ायब हो गए । आँखों के आगे एक बिजली-सी कौंद गयी । पर मैं तो उनसे बातचीत का प्यासा था; दो-एक बातें भी कर लेते तो कितना अच्छा होता ।"
fullmoon
18-04-2011, 08:42 PM
हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं ,

दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए.

रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं ,

आज महफ़िल में चलो सब को हंसाया जाए.....
fullmoon
18-04-2011, 08:45 PM
टूटी टूटी सी हर एक आस लगे ,

ज़िन्दगी अब मुझे राम का वनवास लगे .....
fullmoon
18-04-2011, 08:46 PM
रिश्तेदारी भी टेलीफ़ोन है आज ,

सिक्के डालो, तो बात होती है.....
fullmoon
18-04-2011, 08:48 PM
क्या पता था, दोस्त ऐसे भी दगा दे जाएगा ,

अपने दुश्मन को मेरे घर का पता दे जाएगा.....
Noctis Lucis
18-04-2011, 08:56 PM
कभी झुकने की तमन्ना कभी कड़वा लहजा
अपनी उलझी हुयी आदतों पे रोना आया
Noctis Lucis
18-04-2011, 08:58 PM
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले
हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं
Noctis Lucis
18-04-2011, 09:00 PM
ज़िंदगी तू सदा करती है मुझसे मजाक
हम भी देख्नेगे ज़रा तुझसे शरारत कर के
fullmoon
18-04-2011, 09:02 PM
अरमां तमाम उम्र के सीने में दफ़न हैं....

हम चलते फिरते लोग मजारों से कम नहीं.....
fullmoon
18-04-2011, 09:04 PM
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले
हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं


साजिद भाई,

कमाल की धार है आपके इन शेरों में.:salut:

माफ़ करें दोबारा आप को reputation नहीं दे पा रहा हूँ.
Noctis Lucis
18-04-2011, 09:19 PM
साजिद भाई,

कमाल की धार है आपके इन शेरों में.:salut:

माफ़ करें दोबारा आप को reputation नहीं दे पा रहा हूँ.


कोई बात नहीं राकेश भाई
वैसे भी इन दुखों से दूर ही रहता हूँ मै
आपके सहयोग के लिए धन्यवाद
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:32 AM
तुम्हे तो इल्म है, क्या खूब वो ज़माना था!
हमारे पास तुम्हारा भी आना-जाना था!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:32 AM
तुम्हे तो इल्म है, क्या खूब वो ज़माना था!
हमारे पास तुम्हारा भी आना-जाना था!

तुझे खबर भी है इसकी ओ रूठने वाले,
तुम्हारा प्यार ही मेरा कीमती खजाना था!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:33 AM
तुम्हे तो इल्म है, क्या खूब वो ज़माना था!
हमारे पास तुम्हारा भी आना-जाना था!


तुझे खबर भी है इसकी ओ रूठने वाले,
तुम्हारा प्यार ही मेरा कीमती खजाना था!

तुम्हारी रात का नुकसान इसमें क्या होता,
तुम्हे तो आके मेरा होसला बढ़ाना था!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:34 AM
तुम्हे तो इल्म है, क्या खूब वो ज़माना था!
हमारे पास तुम्हारा भी आना-जाना था!


तुझे खबर भी है इसकी ओ रूठने वाले,
तुम्हारा प्यार ही मेरा कीमती खजाना था!


तुम्हारी रात का नुकसान इसमें क्या होता,
तुम्हे तो आके मेरा होसला बढ़ाना था!
तमाम बातें ये उजड़ा चमन बता देगा,
इसी चमन में कभी अपना आशियाना था!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:36 AM
नकाब रुख से हटाओ,के रात जाती है!
कोई तो बात सुनाओ, के रात जाती है!

जो मैकदे में नहीं माय तो क्या हुआ,
हमें नज़र से पिलाओ, के रात जाती है!

वो एक शब् के लिए मेरे घर पे आये हैं,
सितारे तोड़ के लाओ, के रात जाती है!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:38 AM
धोखा न देना, तुझ पे ऐतबार बहुत है!
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है!
तेरी सूरत न देखें , तो दिखाई कुछ नहीं देता,,
हम क्या करें के तुझ से हमें प्यार बहुत है!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:40 AM
आरज़ू ये है कि उनकी हर नज़र देखा करें!
वो ही अपने सामने हों, हम जिधर देखा करें!
इक तरफ हो सारी दुनिया, इक तरफ सूरत तेरी;
हम तुझे दुनिया से होकर बेखबर देखा करें !
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:41 AM
रात घिरे तक घायल नगमें, करते हैं एलान यहाँ!
ये दुनिया है संग-दिलों कि, कोई नहीं इंसान यहाँ!
प्यार भीख में भी मांगो तो कोई प्यार न डाले झोली में;
बिन मांगे मिल जाते हैं, रुसवाई के सामान यहाँ!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:48 AM
आज के दौर में समाज में फैली अनेक कुरीतियों में से एक दहेज़ और नारी-शोषण पर चाँद पक्तियां हैं.. आशा है कि इस सूत्र में विचरण करने वाले सभी गणमान्य सदस्यों को पसंद आएगी!




एक-एक सांस उसके लिए कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि वो बेगुनाह थी!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:49 AM
आज के दौर में समाज में फैली अनेक कुरीतियों में से एक दहेज़ और नारी-शोषण पर चाँद पक्तियां हैं.. आशा है कि इस सूत्र में विचरण करने वाले सभी गणमान्य सदस्यों को पसंद आएगी!




एक-एक सांस उसके लिए कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि वो बेगुनाह थी!


वो एक मिटी हुई सी इबारत बनी रही ,
चेहरा खुली किताब था, किस्मत सियाह थी!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:51 AM
आज के दौर में समाज में फैली अनेक कुरीतियों में से एक दहेज़ और नारी-शोषण पर चाँद पक्तियां हैं.. आशा है कि इस सूत्र में विचरण करने वाले सभी गणमान्य सदस्यों को पसंद आएगी!




एक-एक सांस उसके लिए कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि वो बेगुनाह थी!




वो एक मिटी हुई सी इबारत बनी रही ,
चेहरा खुली किताब था, किस्मत सियाह थी!



शेहनाइयां उसे भी बुलाती रही मगर,
शेहनाइयां-उसे भी बुलाती रही मगर,

हर मोड़ पर दहेज़ की कुर्बान्गाह थी!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:53 AM
आज के दौर में समाज में फैली अनेक कुरीतियों में से एक दहेज़ और नारी-शोषण पर चाँद पक्तियां हैं.. आशा है कि इस सूत्र में विचरण करने वाले सभी गणमान्य सदस्यों को पसंद आएगी!




एक-एक सांस उसके लिए कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि वो बेगुनाह थी!




वो एक मिटी हुई सी इबारत बनी रही ,
चेहरा खुली किताब था, किस्मत सियाह थी!





शेहनाइयां उसे भी बुलाती रही मगर,
शेहनाइयां-उसे भी बुलाती रही मगर,

हर मोड़ पर दहेज़ की कुर्बान्गाह थी!



और वो चाहती थी कि रूह उसे सौंप दे मगर,
वो चाहती थी कि रूह उसे सौंप दे मगर,

उस आदमी की सिर्फ बदन पर निगाह थी!
BHARAT KUMAR
19-04-2011, 04:54 AM
अच्छा सूत्र है दोस्तों! इसमें रोजाना कुछ न कुछ अच्छा और सर्वोत्तम डालते रहना!
raj_mishra121
19-04-2011, 11:33 AM
अपनी सूरत से जो जाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आये कैसे
raj_mishra121
19-04-2011, 11:37 AM
जहा रहेगा वही रोशनी लुटायेगा
किसी चिराग का अपना माकन नहीं होता
fullmoon
19-04-2011, 11:41 AM
अपनी सूरत से जो जाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आये कैसे



बेहतरीन शायरियां पढने को मिल रही हैं,इस सूत्र में.

राज जी, आपकी और प्रविष्टियों का इंतज़ार रहेगा,.
raj_mishra121
19-04-2011, 11:43 AM
ताल्लुकात कभी एक से नहीं रखते
उसे गँवा के भी जीने का हौशला रखना

जब अपने ही लोग आयेंगे लूटने के लिए
तो दोस्ती का तकाजा है घर खुलना रखना
raj_mishra121
19-04-2011, 11:46 AM
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता
मगर इन एहतियातो से ताल्लुक मर नहीं जाता
raj_mishra121
19-04-2011, 11:49 AM
मुहब्बत के ये आंशु है इन्हें आँखों में रहने दो
शरीफों के घरों का मशला बाहर नहीं जाता
raj_mishra121
19-04-2011, 11:55 AM
मुहब्बत के दिनों की यही खराबी है
यह रूठ जाये तो फिर लौट कर नहीं आते

खुसी की आंख में आंशु की भी जगह रखना
बुरे ज़माने किसी से पूछ कर नहीं आते
raj_mishra121
19-04-2011, 12:05 PM
वो प्यार जिसके लिए हमने क्या गवां न दिया
उसी ने बच के निकलने का रास्ता न दिया

जब एक बार जला ली हाथेलीया अपनी
तो फिर खुदा ने उस हाथ में दिया न दिया

जबान से दिल के सभी फैसले नहीं होते
उसे भुलाने को कहते तो थे पर भुला न दिया
raj_mishra121
19-04-2011, 12:13 PM
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले
हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं

बहुत खूब
Kamal Ji
19-04-2011, 01:03 PM
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले
हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं






बहुत खूब
Nisha.Patel
19-04-2011, 04:48 PM
अब भी कुछ नहीं बिगड़ा प्यारे पता करो लोहारों का
धार गिराना काम नहीं है लोहे पर सोनारों का






अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए






इस जहाँ में प्यार महके जिंदगी बाकी रहे
ये दुआ मांगो दिलों में रोशनी बाकी रहे






अबके सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई
मेरा घर छोड़कर कुल शहर में बरसात हुई






अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूं
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूं







आदमी आदमी को क्या देगा, जो भी देगा वही खुदा देगा
जिंदगी को क़रीब से देखो, इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा






सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है




:tiranga:
fullmoon
19-04-2011, 06:43 PM
निशा जी,

ये सूत्र मैंने बेहतरीन शेरों को एकत्र करने के लिए शुरू किया था,

जिसका लक्ष्य अब पूरा होता दिख रहा है.

आपके लिए एक बार फिर से.....:salut::salut:
fullmoon
19-04-2011, 06:47 PM
जो तुझको जिद है ,तो आगे तुम ही निकल जाओ ,

हम अपने पाँव में कांटा कोई चुभो लेंगे.....
Nisha.Patel
19-04-2011, 06:54 PM
निशा जी,

ये सूत्र मैंने बेहतरीन शेरों को एकत्र करने के लिए शुरू किया था,

जिसका लक्ष्य अब पूरा होता दिख रहा है.

आपके लिए एक बार फिर से.....:salut::salut:

आपका स्वागत हे
MALLIKA
19-04-2011, 07:10 PM
दोस्तों,

इस सूत्र में पेश करूँगा हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के मशहूर शायरों के चंद शेर.....

मुझे इन शायरों के नाम तो नहीं पता,

मगर ये सारे शेर मुझे बहुत ही पसंद हैं.

आप भी २ या ४ लाइन के शेर इस सूत्र में रख कर सूत्र की सुन्दरता बढायें.....




मेरी निगाहों ने छेड़ा था ,
एक दिन नगमा प्यार का !
उसके बदन से,
अभी तक सदाए आती है !
कभी हक में रहे थे,
मेरे गुलुश्फा-इशरत !
अब उन लबो पर,
फरकत बददुआए आती है !
fullmoon
20-04-2011, 11:11 AM
अखियाँ दी लाली पई है दसदी ,

रोए तुस्सी वी हो , ते रोये अस्सी वी हाँ रात भर.....
fullmoon
20-04-2011, 11:17 AM
अबके हम बिछड़े ,तो ख्यालों में ही मिलें ,

जैसे सूखे हुए फूल , किताबों में मिलें....
fullmoon
20-04-2011, 11:18 AM
नहीं मोहताज़ जेवर का, जिसे खूबी खुदा ने दी ,

की उसको बदनुमा लगता है , जैसे चाँद को गहना.....
Ranveer
20-04-2011, 01:13 PM
फूल्मून जी
कुछ लोगों को शेर समझ में नहीं आते इसीलिए मै उनके अर्थ के साथ प्रस्तुत करता रहूंगा
आशा करता हूँ की आपके सूत्र में मुझे भी दो चार महान शायरों के शेर डालने की इजाज़त होगी


ग़ालिब का एक शेर है
तेरे वादे पर जिए हम ,तो ये जान छूट जाना
की खुशी से मर जाते , अगर ऐतबार होता

अर्थ है
ऐ दोस्त ,तू मुझे ज़िंदा देखकर यह न समझ की मैंने तेरे वादे पर ऐतबार किया था ..अगर कहीं मैंने तेरा ऐतबार किया होता तो ख़ुशी के मारे मर गया होता ...ज़िंदा रहना ही इस बात का सबूत है की मुझे तेरे वादे पर विश्वाश नहीं है
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:24 PM
दिल का कोई सौदा नहीं होता
जिस पर आता उसी का होता
चलते है जो जीवन मे साथ
निभाते हैं हर समय
चाहे न चलते हों राह पर हाथ में डालकर हाथ अपने मन की आंखें बंद कर लो
नींद स्वयं ही आ जाती है
जो संभाला कोई ख्याल तो
फिर गायब हो जाती है
सोने से मिला सुख नहीं मिलता
जिसके लिये बनी है रात
गीत-संगीत के तोहफों से
बिखरी पड़ी है दुनियां
अपने कानों से मीठी आवाज सुनने के लिये
क्या किसी से शब्द और आवाज मांगना
इस जीवन में किससे आशा
और किससे निराशा
जिनसे उम्मीद करोगे
बनायेंगे तमाशा
जीवन को जिंदा दिलों की तरह जियो
जब तक न छोड़े अपना साथ
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:27 PM
१) सुर्ख लबों पेम जो तेरा नाम आया हैं,

नर्म आँखों से जो यादें बहीं हैं,

दिल झूमकर बस गा रहा हैं,

मेरे मन में बस एक तूहीं हैं...



२) बस चाँद को देखना हमें गवारा नहीं,

इन आँखों को तो तेरा इंतजार हैं,

चांदनी रात अब हमें लूभाती नहीं,

तेरा साथ अगर दुश्वार हैं...



३) किसी का नाम लबों पर आना इकरार नहीं होता,

प्यार का इजहार ही बस मंजूर नहीं होता,

किसी के याद से जबतक दिल बेकरार नहीं होता,

जान मेरी तबतक यह प्यार नहीं होता...





४) दिल की मजबूरियाँ उन्हें बता न सकें,

वो ख़ुद भी तो यें समझ न सकें,

और फासला बढ़ता ही गया,

हम ख़ुद होकर उसे मिटा न सकें...





५) दिल की तनहाईयों में आपका साथ पाया, और हम आपकें दीवानें हो गयें,

सोचतें हैं अब इस दुनिया में, कितनीं शमाएं, कितनें परवानें हो गयें,

शमा और परवानेंका साथ तो, जनम-जनम का बंधन हैं,

हम और आप क्या अलग हैं, जीवन आपको अर्पण हैं...
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:30 PM
जनाजा रोककर वो मेरे से इस अन्दाज़ मे बोले,
गली छोड्ने को कही थी हमने तुमने दुनियां छोड दी।

जो गिर गया उसे और क्यों गिराते हो,
जलाकर आशियाना उसी की राख उड़ाते हो ।

गुज़रे है आज इश्*क के उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।

जब जुबां खामोशी होती है नज़र से काम होता है,
ऐसे माहौल का ही शायद मोहब्बत नाम होता है।

वो फूल जिस पर ज्यादा निखार होते हैं,
किसी के दस्त हवस का शिकार होते हैं ।
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:32 PM
मै जिसके हाथ मे एक फूल दे कर आया था,
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश मे है ।


यूं तो मंसूर बने फिरते हैं कुछ लोग,
होश उड जाते हैं जब सिर का सवाल आता है ।

मुझे तो होश नही, तुमको खबर हो शायद ,
लोग कहते है कि तुम ने मुझ को बर्बाद कर दिया ।


देखिए गौर से रुक कर किसी चौराहे पर,
जिंदगी लोग लिए फिरते हैं लाशों के तरह ।

इस नगर मे लोग फिरते है मुखौटे पहन कर,
असल चेहरों को यहां पह्चानना मुमकिन नही ।
Ranveer
20-04-2011, 01:34 PM
गीत-संगीत के तोहफों से
बिखरी पड़ी है दुनियां
अपने कानों से मीठी आवाज सुनने के लिये
क्या किसी से शब्द और आवाज मांगना


इस जीवन में किससे आशा
और किससे निराशा
जिनसे उम्मीद करोगे
बनायेंगे तमाशा




बेहतरीन
अति सुन्दर .....:clap:
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:39 PM
हस्ती-इ-गुलिस्ताएं जहाँ कुछ भी नहीं...
चहकती हैं बुलबुलें जहाँ गुल का निशां कुछ भी नहीं...
कल तक जिनके महलों में हजारों झांड़ और फानूश थे...
पेड़ ही उनकी कब्र पर, बाकी निशा कुछ भी नहीं...




हाथ थे मिले कि ज़ुल्फ़ को सवार दूं...
होंठ थे खुले कि हर बहार को पुकार लूं...
दर्द था दिया गया कि हर दुखी को पुकार लूं
हो सका न कुछ मगर शाम बन गयी सहर..
वह उठी लहर कि बह गए किले बिखर बिखर...
कारवां गुज़र गया...गुबार देखते रहे...



ये जो मेरे शहर में रोशनी लायें होंगे....
इन चिरागों ने ना जाने कितने घर जलाये होंगे...
हाथ उनके भी यकीनन हुए होंगे जख्मी...
जिसने मेरी राह में कांटें बिछाये होंगे..



बरस ए अब्र जितना चाहे तू..
कि अब तेरी बारी है....
कभी दिल था तो हम भी...
रो रो के दरिया बहाया करते थे...
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:42 PM
शुक्रिया रणवीर जी


बेहतरीन
अति सुन्दर .....:clap:
Nisha.Patel
20-04-2011, 01:47 PM
तेरे चेहरे की चमक सदा बनी रहे,
हसीं इन लबों पे सदा सजी रहे,
दूर रखे खुदा सारे गमो से तुझे,
खुशी तेरे दामन में सदा बनी बनी.



सिने में लगी आग को दबा लेंगे,
दिल में उस बात को छुपा लेंगे.



तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
हैं, मेरी दोस्ती में इतना दम की, अपनी,
आखों के आसूं तेरी आखों से गिरा सकता हूँ.




बेवफा जब भी तेरी याद आती हैं,
टूटे दिल से आह निकल जाती हैं,
इस पर तुने मरहम तो लगाया नही था,
फ़िर क्यों तेरी याद इसे आ जाती हैं.



तुम अपने मादक नयनो से मुझे यूं इशारा न करो,
क्योंकि तेरे मादक नयनो को देखकर मेरा मन भी बहक जाता हैं.



कसम खाने के बाद, अक्सर वह हमे भूल जाते हैं,
तभी तो हम उन्हें बेवफा कहते हैं.



मुक्कदर का गरीब, दिल का आमिर था
मिलकर बिछड़ना मेरा नसीब था,
चाह कर भी कुछ कर न सके हम,
घर जलता रहा और समुन्दर करीब था.
fullmoon
20-04-2011, 02:18 PM
निशा जी,

आप की प्रस्तुति मुझे पुरानी फोरम की पूजा यादव की याद दिलाती है,

इसी तरह के शेर वो अपने सूत्र " यादें "में पेश किया करती थी,जो सामान्य विभाग का एक सफलतम सूत्र था.

फर्क बस इतना है की उनके सारे शेर दर्द भरे होते थे, और साथ में इनसे सम्बंधित चित्र भी संलग्न होता था.
Nisha.Patel
20-04-2011, 02:24 PM
निशा जी,

आप की प्रस्तुति मुझे पुरानी फोरम की पूजा यादव की याद दिलाती है,

इसी तरह के शेर वो अपने सूत्र " यादें "में पेश किया करती थी,जो सामान्य विभाग का एक सफलतम सूत्र था.

फर्क बस इतना है की उनके सारे शेर दर्द भरे होते थे, और साथ में इनसे सम्बंधित चित्र भी संलग्न होता था.
हाँ शायद हो सकता हे की मेरे कई शेर उनसे मिलते जुलते होंगे और पूजा यादव जी को तो हम भी जानते हे बहुत ही अच्छे अच्छे शेर पेस करती थी
अब ये सूत्र भी उतना ही मशहूर हे जितना पुराना वाला था आप इस सूत्र को निरंतर गति देते रहे
धन्यवाद
raj_mishra121
20-04-2011, 10:25 PM
ख्वाब देखू , ख्वाब -सी ताबीर हो सकती नहीं
जो बदल जाये मेरी तकदीर हो सकती नहीं


ताबीर =असलियत
raj_mishra121
20-04-2011, 10:25 PM
गम के घर तक ना जाने की कोशिश करो
जाने किस मोड पर मुस्कराना पड़े
raj_mishra121
20-04-2011, 10:34 PM
मैं तो खोया रहूँगा तेरे प्यार में
तू ही कह देना जब तू बदलने लगे
raj_mishra121
20-04-2011, 10:37 PM
कभी लफ्जो से गद्दारी न करना
गजल पढ़ना अदाकारी न करना
raj_mishra121
20-04-2011, 10:40 PM
मैं उसको भूल गया हूँ यह कौन मानेगा
किसी चराग के बस में धुँआ नहीं होता
raj_mishra121
20-04-2011, 10:46 PM
दूर तक हाँथ में कोई पत्थर ना था
फिर भी हम जाने क्यों सर बचाते रहे
raj_mishra121
20-04-2011, 10:47 PM
रात मेरी नहीं रात तेरी नहीं
जिसने आँखों में काटी ,वही पायेगा
raj_mishra121
20-04-2011, 10:52 PM
रात भर आंशुओ से जो लिक्खी गयी
सुबह उस कहानी का सौदा हुआ

आरजुओ का रिश्तों से रिश्ता ही क्या
तुम किसी के हुए, मैं किसी का हुआ
Ranveer
20-04-2011, 11:25 PM
गम के घर तक ना जाने की कोशिश करो
जाने किस मोड पर मुस्कराना पड़े
सही बोला दोस्त आपने
शायद हम गम को इतना करीब ले आतें हैं की ख़ुशी हमसे दूर हो जाती है
आखिर दोनों का रिश्ता एक दुसरे के विपरीत जो है

मैं तो खोया रहूँगा तेरे प्यार में
तू ही कह देना जब तू बदलने लगे
आखिर प्यार किया है हमने
ये फिदरत हमारी कैसे हो ?

मैं उसको भूल गया हूँ यह कौन मानेगा
किसी चराग के बस में धुँआ नहीं होता
सुन्दर ................
Sharma1989
20-04-2011, 11:50 PM
ज़िंदगी किताब के कुछ पने होते है। कुछ अपने कुछ बेगाने होते है। प्यार से सवर जाती है ज़िंदगी । बस प्यार से रिसते निभाने होते है.
Sharma1989
20-04-2011, 11:59 PM
इस दो पल की जिंदगी मे तनहाई क्यो है, लोगो को हमसे रुसवाई क्यो है । इस दुनिया मे इंसान कम तो नहीं , फिर मेरे साथ सिर्फ मेरी परछाई क्यो है ।
Sharma1989
21-04-2011, 12:09 AM
Dua Dene Wale Dua Ka Farman Abhi Baki Hai. Unki Wafa Ka Imtihan Baki Hai. Meri Maut Pe bhi Unki Aankho Me Aansu Nahi. Unhe Shak Hai Ki Mujhme abhi jaan baki hai
Ranveer
21-04-2011, 12:29 AM
Dua Dene Wale Dua Ka Farman Abhi Baki Hai. Unki Wafa Ka Imtihan Baki Hai. Meri Maut Pe bhi Unki Aankho Me Aansu Nahi. Unhe Shak Hai Ki Mujhme abhi jaan baki hai
दोस्त बड़ा जबरदस्त शेर प्रस्तुत किया है आपने .....
आगे भी इंतज़ार रहेगा
BHARAT KUMAR
21-04-2011, 12:41 AM
बेहतरीन सूत्र!
लाजवाब पक्तियां!
एक से बढ़कर एक!
Ranveer
21-04-2011, 12:48 AM
एक मेरी तरफ से -


आँसू गिरने की आहट नही होती
दिल के टूटने की आवाज नहीं होती
गर होता उन्हें एहसास दर्द का
तो दर्द देने की आदत नहीं होती !
raj_mishra121
22-04-2011, 08:36 AM
यह कौन राह दिखाकर चला गया मुझको
मैं जिंदगी में भला किसके काम आया था
madan thigna
22-04-2011, 09:12 AM
बहुत खूब!
SUNIL1107
22-04-2011, 02:03 PM
आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते
अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते


ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते
सच है कि हमीं दिल को संभलने नहीं देते
SUNIL1107
22-04-2011, 02:14 PM
कट गई झगड़े में सारी रात वस्ल-ए-यार की
शाम को बोसा लिया था, सुबह तक तक़रार की
SUNIL1107
22-04-2011, 02:15 PM
लूटते हैं देखने वाले निगाहों से मज़े
आपका जोबन मिठाई बन गया बाज़ार की
fullmoon
22-04-2011, 09:36 PM
पत्थर की जो लकीर थे , वो लोग मिट गए ,

हम ऐसे नक्श थे की हवा पर बने रहे....
fullmoon
22-04-2011, 09:37 PM
फिर से सरहद पे खड़े हो के ये सदा दी जाए ,

क्यूँ न नफरत की ये दीवार गिरा दी जाए.....
fullmoon
22-04-2011, 09:39 PM
शाखों से टूट जाएँ , वो पत्ते नहीं हम ,

आंधी से कोई कह दे की औकात में रहे.....
fullmoon
22-04-2011, 09:41 PM
दिल पे नफरत हो तो चेहरे पर भी ले आता हूँ ,

बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए.....
Lofar
23-04-2011, 11:07 AM
हम तो अभी मोहब्बत में जी भी ना पाए थे

कि उसने नफरतों में जीना सिखा दिया
Lofar
23-04-2011, 11:09 AM
तू नही तेरा ज़िक्र नही,
अपनी शर्तो पर जी रहा हूँ आज ,
अब तेरी शर्तो की फ़िक्र नही............
Nisha.Patel
23-04-2011, 11:46 AM
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बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते है,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते है,
ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर,
जहाँ दिये नहीं दिल जलाये जाते है|



दिल के ज़ख्मो पर मत रो मेरे यार,
वक़्त हर ज़ख्म का मरहम होता है,
दिल से जो सच्चा प्यार करे,
उनका तो खुदा भी दीवाना होता है|



हमसे कोई गिला हो जाये तो माफ़ करना ,
याद न कर पाए तो माफ़ करना,
दिलसे तो हम आपको कभी भूलते नहीं,
पर यह दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना|
Nisha.Patel
23-04-2011, 11:49 AM
दिल में उनकी यादो की एक झलक सी रहती है,
इन हवाओ में हरपल उनकी महक सी रहती है,
दिल को इंतजार है हमेशा बस उनके आने का,
हमे उनसे मिलने की अब एक कसक सी रहती है|




ऐसा होता नहीं की आपकी हमे याद न आये,
बात सिर्फ इतनी है की हम कभी जता न पाए,
प्यार तुम्हारा हमारे लिए अनमोल है सनम,
मौका दिया नहीं तुमने और हम दिखा न पाए|
Pooja1990 QUEEN
23-04-2011, 02:33 PM
मर जावा मर जावा
fullmoon
23-04-2011, 07:56 PM
तू नही तेरा ज़िक्र नही,
अपनी शर्तो पर जी रहा हूँ आज ,
अब तेरी शर्तो की फ़िक्र नही............


वाह राजीव जी,

इस बेहतरीन शेर के लिए मेरी तरफ से REPUTATION स्वीकार करें.:bloom:
fullmoon
23-04-2011, 08:00 PM
माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना ,

जहाँ बुनियाद हो , इतनी नमी अच्छी नहीं होती .....
fullmoon
23-04-2011, 08:02 PM
गर मिटटी हैं , तो पल भर में बिखर जायेंगे ,

गर खुशबू हैं , तो इस दौर को मह्कायेंगे .

हम तो रूहे सफ़र हैं , हमे नाम से ना जान ,

कल किसी और नाम से आ जायेंगे.
dev b
23-04-2011, 08:09 PM
वाह वाह .मित्र ....अच्छा कलेक्सन
dev b
23-04-2011, 08:38 PM
अच्छे सूत्र के लिए मेरी और से रेपुटेसन मित्र+++++++++++++++++++
SUNIL1107
23-04-2011, 09:10 PM
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता

न मज़ा है दुश्मनी में न है लुत्फ़ दोस्ती में
कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता
SUNIL1107
23-04-2011, 09:11 PM
ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता

तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते
अगर अपनी जिन्दगी का हमें ऐतबार होता
Lofar
23-04-2011, 09:57 PM
वाह राजीव जी,

इस बेहतरीन शेर के लिए मेरी तरफ से REPUTATION स्वीकार करें.:bloom:



बहुत शुक्रिया फुलमून जी ...........
raj_mishra121
23-04-2011, 10:15 PM
माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना ,

जहाँ बुनियाद हो , इतनी नमी अच्छी नहीं होती .....

भाई वाह बिलकुल सच्ची बात है
Sharma1989
23-04-2011, 10:38 PM
धन्यवाद दोस्त
धन्यवाद दोस्त
Sharma1989
23-04-2011, 10:42 PM
Maut Ko_Bhi_Jina
Sikha"Denge

Bujhi_Jo"Sama
Use Bhi_JaLa
Denge

Jis"Din Hum
Jayenge_Duniya
Se

Ek"BaaRTo
Tujhe_Bhi_RuLa
DeNge.
Sharma1989
23-04-2011, 10:53 PM
आईना कुछ नहीं ,नज़र का दोखा है।
नज़र वही आता है ,जो दिल मे होता है ।
आईना ओर दिल का एक ही फसाना है....
अंजाम दोनों का टूटकर बिखर जाना है .....................
SUNIL1107
28-04-2011, 09:45 PM
मौसम कैसा भी रहे कैसी चले बयार
बड़ा कठिन है भूलना पहला-पहला प्यार
SUNIL1107
28-04-2011, 09:47 PM
पहले चारा चर गये अब खायेंगे देश
कुर्सी पर डाकू जमे धर नेता का भेष
SUNIL1107
28-04-2011, 09:48 PM
तोड़ो, मसलो या कि तुम उस पर डालो धूल
बदले में लेकिन तुम्हें खुशबू ही दे फूल
chandan_0123
29-04-2011, 01:26 PM
सुभान अल्लाह सभी शेर एक से बढ़कर एक है
बहुत ही शानदार और उम्दा सूत्र है मित्र
काश खुदा हमें भी ऐसी खुदाई बकस्ता की हम भी शायर होते
fullmoon
29-04-2011, 06:33 PM
ये ख़त नहीं सदा-ए-दर्दमंद है ,

इक बेवतन का प्यार लिफाफे में बंद है.....
fullmoon
29-04-2011, 06:35 PM
खिल के गुल कुछ तो बहारे-जां-फिजां दिखला गए ,

हसरत उन गुन्चो पे है जो बिन खिले मुरझा गए.....
fullmoon
29-04-2011, 06:37 PM
ज़माना बड़े शौक से सुन रहा था ,

हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते.....
Noctis Lucis
29-04-2011, 06:55 PM
राकेश भाई आपके लिए स्पेशल

नरम अल्फाज़ भी चुभ जाते हैं कांटो की तरह
चोट फूलों से भी लग जाती है पत्थरों की तरह
SANDY420
29-04-2011, 07:53 PM
RAAT KI PE SUBAH TAK UTTAR JAYGI
TU APNI AANKKO SE PILA DE
SARI ZINDGI NASE MEIN GUZAR JAYGI
Sheena
02-05-2011, 06:08 PM
बीती बातें फिर दोहराने बैठ गए
क्यों ख़ुद को ही ज़ख़्म लगाने बैठ गए

अभी-अभी तो लब पे तबस्सुम बिखरा था
अभी-अभी फिर अश्क बहाने बैठ गए?
Sheena
02-05-2011, 06:09 PM
आजकल मुल्क में बिकते तो हैं अख़बार बहुत
कुछ ख़ुशी देते हैं कुछ देते हैं आज़ार बहुत

ये अलग बात है इक फूल न खिल पाया वहाँ
यूँ तो उगने लगे सहरा में भी अश्जार बहुत
Sheena
02-05-2011, 06:09 PM
गर प्यार न हो तो, ये जहाँ है भी नहीं भी
होंगे न मकीं गर, तो मकाँ है भी नहीं भी

जब तुम ही नहीं हो तो ज़माने से मुझे क्या
ठहरे हुए जज़्बात में जाँ है भी नहीं भी
Sheena
02-05-2011, 06:11 PM
हो यक़ीं मोहकम, बहुत दुशवार है
अब भी उस के हाथ में तलवार है,

जो किसी के काम ही आए नहीं
हैफ़ ऐसी ज़िंदगी बेकार है,
Sheena
02-05-2011, 06:12 PM
न डालो बोझ ज़हनों पर कि बचपन टूट जाते हैं
सिरे नाज़ुक हैं बंधन के जो अक्सर छूट जाते हैं

न रख रिश्तों की बुनियादों में कोई झूट का पत्थर
लहर जब तेज़ आती है, घरौंदे टूट जाते हैं
lalji1964
02-05-2011, 06:13 PM
:tiranga::tiranga:

यह सूत्र तो बड़ा अच्छा लग रहा है ,मित्र जिसने बनाया ,वह मेरे से रेपो +++ स्वीकार करे ,उनको बहुत धन्यवाद


:tiranga: :tiranga:
Sheena
02-05-2011, 06:15 PM
ख़ुश्बू ए गुल भी आज है अपने चमन से दूर
दरिया में चाँद उतरा है चर्ख़ ए कुहन से दूर

मेरा वजूद ऐसे बियाबाँ में खो गया
ग़ुरबत में जैसे कोई मुसाफ़िर वतन से दूर
fullmoon
03-05-2011, 10:19 AM
न डालो बोझ ज़हनों पर कि बचपन टूट जाते हैं
सिरे नाज़ुक हैं बंधन के जो अक्सर छूट जाते हैं

न रख रिश्तों की बुनियादों में कोई झूट का पत्थर
लहर जब तेज़ आती है, घरौंदे टूट जाते हैं



शीना जी,

बेहतरीन प्रस्तुति .

आपके सुन्दर शेरों के लिए REPUTATION कबूल करें.....
fullmoon
03-05-2011, 10:39 AM
जान कर भी वो मुझे जान न पाए ,

आज तक वो मुझे पहचान ना पाए.

खुद ही की है बेवफाई हमने ,

ताकि उन पर कोई इल्जाम ना आये....
fullmoon
04-05-2011, 05:20 PM
आसमान के तारे अक्सर पूछते हैं हमसे ....

क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है ,
उसके लौट आने का.
और ये दिल मुस्कुरा के कहता है....
मुझे अब तक यकीन ना हुआ
उसके चले जाने का.....
Sharma1989
04-05-2011, 11:38 PM
न डालो बोझ ज़हनों पर कि बचपन टूट जाते हैं
सिरे नाज़ुक हैं बंधन के जो अक्सर छूट जाते हैं

न रख रिश्तों की बुनियादों में कोई झूट का पत्थर
लहर जब तेज़ आती है, घरौंदे टूट जाते हैं बहुत सुंदर लाईन लिखी है सीना जी आपने
Sharma1989
04-05-2011, 11:45 PM
न डालो बोझ ज़हनों पर कि बचपन टूट जाते हैं
सिरे नाज़ुक हैं बंधन के जो अक्सर छूट जाते हैं

न रख रिश्तों की बुनियादों में कोई झूट का पत्थर
लहर जब तेज़ आती है, घरौंदे टूट जाते हैं बहुत सुंदर लाईन लिखी है सीना जी आपने
mr josef
05-05-2011, 11:14 PM
आईना कुछ नहीं ,नज़र का दोखा है।
नज़र वही आता है ,जो दिल मे होता है ।
आईना ओर दिल का एक ही फसाना है....
अंजाम दोनों का टूटकर बिखर जाना है .....................
वाह वाह .मित्र ....अच्छा कलेक्सन
Sharma1989
05-05-2011, 11:51 PM
BACHAPAN AUR AAJ ! Kya wo din the..
'Maa' ki god aur 'Papa' k kandhe,
Aaj yaad aa raha hai sab mujhe,
Rote hue wo so jana,
Khud se baat krte hue kho jana,
Wo maa ka awaz lagana,
Khana hatho se khilana,
Wo papa ka daant lagana,
Zid puri hone ka intezar krna,
Kya wo din the bachpan k suhane,
Kyu itni dur sab kuch ho gaya,
Ab zid bhi apni,
Sapne b apne,
Kis se kahu kya chahiye mujhe,
Manzeelo ko dhundhte hum
kaha kho gaye
Kyu hum itne bade ho gaye;-
fullmoon
06-05-2011, 12:25 AM
BACHAPAN AUR AAJ ! Kya wo din the..
'Maa' ki god aur 'Papa' k kandhe,
Aaj yaad aa raha hai sab mujhe,
Rote hue wo so jana,
Khud se baat krte hue kho jana,
Wo maa ka awaz lagana,
Khana hatho se khilana,
Wo papa ka daant lagana,
Zid puri hone ka intezar krna,
Kya wo din the bachpan k suhane,
Kyu itni dur sab kuch ho gaya,
Ab zid bhi apni,
Sapne b apne,
Kis se kahu kya chahiye mujhe,
Manzeelo ko dhundhte hum
kaha kho gaye
Kyu hum itne bade ho gaye;-



धनञ्जय जी,

बहुत ही खूबसूरत कविता है,

इसे अगर हिंदी में लिखें तो बहुत अच्छा होगा.

इस कविता के लिए मेरी तरफ से REPUTATION स्वीकार करें...
Sharma1989
08-05-2011, 12:35 AM
मुझको रुलाकर, दिल उसका भी रोया तो होगा ।
चेहरा आसुओ से उसने भी धोया तो होगा ।
अगर न किया हासिल हमने प्यार मे ।
कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा ।
Akhand
08-05-2011, 08:40 AM
न कत्ल करते हैं, न जीने की दुआ देते हैं,
लोग किस जुर्म की आखिर ये सज़ा देते है ।
Akhand
08-05-2011, 08:41 AM
यूं तो मंसूर बने फिरते हैं कुछ लोग,
होश उड जाते हैं जब सिर का सवाल आता है ।
Akhand
08-05-2011, 08:42 AM
मुझे तो होश नही, तुमको खबर हो शायद ,
लोग कहते है कि तुम ने मुझ को बर्बाद कर दिया ।
Akhand
08-05-2011, 08:42 AM
देखिए गौर से रुक कर किसी चौराहे पर,
जिंदगी लोग लिए फिरते हैं लाशों के तरह ।
raj_mishra121
08-05-2011, 03:07 PM
बहुत सुन्दर आप लोग अच्छे शेर प्रस्तुत किये है
lovey7
12-05-2011, 10:45 AM
बहुत सुन्दर आप लोग अच्छे शेर प्रस्तुत किये है

मेरे दिल को तुझसे इतना प्यार सा क्यों है
तू है मेरे लिए ही बनी ,ये विश्वास सा क्यों है !
मुझे तो खुद में कुछ नया नज़र आता नहीं
आइना मुझे देखकर फिर हैरान सा क्यों है !
न तो मैं बाइबल हूँ ,न गीता और न कुरान
हर कोई मुझे पढने को फिर बेताब सा क्यों है !
तेरा दिल है सुन्दर शंख में जोंक की तरह
चेहरा तेरा लगता फिर गुलाब सा क्यों है !
भूलना चाहता हूँ तुझे बीते दिनों की तरह
यादों मेरी ,तेरा फिर रुखसार सा क्यों है !
नफरत है तेरे हुस्न ,तेरे इश्क ,तेरे दीदार से मुझे
ये दिल तुझसे मिलने को फिर बेकरार सा क्यों है !!
lovey7
12-05-2011, 10:47 AM
क्षितिज के उस पार सुबह -शाम मेरा दिल हलाल होता है !
तभी तो दोनों वक़्त सूरज का रंग लाल होता है !!
fullmoon
12-05-2011, 10:55 AM
क्षितिज के उस पार सुबह -शाम मेरा दिल हलाल होता है !
तभी तो दोनों वक़्त सूरज का रंग लाल होता है !!




अति सुन्दर LOVEY जी,

दिल को छू लेने वाली बात कही आपने.

आपके इस व्यक्तित्व के दर्शन अब तक क्यों नहीं हुए?

बेहतरीन शेर के लिए REPUTATION स्वीकार करें.
fullmoon
12-05-2011, 10:58 AM
हालात की तपिश से अभी होंठ खुश्क हैं ,

कैसे कहूँ की आपका लहजा करख्त था.
fullmoon
12-05-2011, 10:59 AM
आँख का आंसू ना हमसे बच सका ,

घर के सामान की हिफाजत क्या करें....
fullmoon
12-05-2011, 11:01 AM
हमने अपनी आखों में ज़ज्ब कर लिए आंसू ,

पत्थर पे गिरते ,तो ज़ख्म हो गए होते....
fullmoon
12-05-2011, 11:02 AM
कैसा यार , कहाँ की यारी ,

धोखा खाओ बारी बारी.....
fullmoon
12-05-2011, 11:03 AM
जब आता है गर्दिश का फेर ,

मकड़ी के जाले में फसता है शेर....
lovey7
15-05-2011, 05:46 PM
कभी भूल कर भी न कहना किसी से
अपना गम ए यारो !
आजकल तो हर शख्स
हाथ में नमक लिए फिरता है !!
lovey7
15-05-2011, 05:47 PM
अति सुन्दर LOVEY जी,

दिल को छू लेने वाली बात कही आपने.

आपके इस व्यक्तित्व के दर्शन अब तक क्यों नहीं हुए?

बेहतरीन शेर के लिए REPUTATION स्वीकार करें.

धन्यवाद् ! राकेश जी
lovey7
15-05-2011, 05:49 PM
दर्द को भी अब दर्द होने लगा है
दर्द अब मुझमें जीने लगा है !
जिस दर्द को देखकर ना रोये कभी हम
वो दर्द हमें देखकर रोने लगा है !!
desi boy
20-05-2011, 11:10 PM
वह क्या बात कही है शायर ने

गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश ,

वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं.......
Sheena
22-05-2011, 06:45 AM
हसते हसते हर बार कुछ अश्क़ निकल आते है
बस यही नही मालूम वो खुशी के थे या छुपे गम के |
Sheena
22-05-2011, 06:46 AM
आरज़ू क अंबार लगे है दिल में हमारे इतने
कौनसी पूरी हो यही नही पता मुश्किल में खुदा भी |
Sheena
22-05-2011, 06:47 AM
ना जाने हवाए कब रुख़ बदल दे अपना ज़िंदगी में कही और तुझसे
खुशी का हर लम्हा मिलता है जो पलछिन उसे संभाले रख लेना |
Sheena
22-05-2011, 06:49 AM
तस्वीर के भी ना जाने कितने पहलू नज़र से छुपे छुपाए रह गये
इश्क़ में कतल कर हमारा ,वो इल्ज़ाम हमी पे लगाए चल दिए |
Sheena
22-05-2011, 06:50 AM
दिल में बहुत प्यार है बाकी अब भी तेरे लिए सरताज मेरे
कभी मिलकर भी साथ छूट जाता है इस में कुछ भलाई हो |
Sheena
22-05-2011, 06:51 AM
हम तो आगे जाने की कोशिश में थोड़े कामयाब भी हुए जानिसार
मन वही अक्सर रुकता है जहा तेरी यादें बिखरी महकती अभी तलक |
Sheena
22-05-2011, 06:51 AM
या खुदा क्या खता हुई मुझसे बतादे भूले से
दिल को किसी के घायल होने का इल्म हुआ है |
Sheena
22-05-2011, 06:54 AM
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुँजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिन्दा न हों
Sheena
22-05-2011, 06:55 AM
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समन्दर में मिले, दरिया नहीं रहता

तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता
Sheena
22-05-2011, 07:04 AM
तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था।
फिर उस के बाद मुझे कोई अजनबी नहीं मिला
Sheena
22-05-2011, 07:04 AM
ज़िन्दगी तूने मुझे कब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
Sheena
22-05-2011, 07:06 AM
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए।
Sheena
22-05-2011, 07:07 AM
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
Sheena
22-05-2011, 07:08 AM
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो कद़म
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
Sheena
22-05-2011, 07:11 AM
हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
हम जहाँ से जाएँगे, वो रास्ता हो जाएगा
Sheena
22-05-2011, 07:14 AM
मैं इतना बदमुआश नहीं यानि खुल के बैठ
चुभने लगी है धूप तो स्वेटर उतार दे।
Sheena
22-05-2011, 07:15 AM
मैं घर से जब चला तो किवाड़ों की ओट में
नर्गिस के फूल चाँद की बाँहों में छुप गए।
Sheena
22-05-2011, 07:16 AM
कभी पा के तुझको खोना कभी खो के तुझको पाना
ये जनम जनम का रिश्ता तेरे मेरे दरमियाँ हैं
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक-रोक पूछा तेरा हमसफ़र कहाँ है
Sheena
22-05-2011, 07:18 AM
मेरी छत से रात की सेज तक कोई आँसुओं की लक़ीर है
ज़रा बढ़ के चाँद से पूछना वो उसी तरफ़ से गया न हो
वो फ़िराक़ हो कि विसाल हो तेरी आग महकेगी एक दिन
वो गुलाब बन के खिलेगा क्या जो चराग़ बन के जला न हो
Sheena
22-05-2011, 07:19 AM
मेरी छत से रात की सेज तक कोई आँसुओं की लक़ीर है
ज़रा बढ़ के चाँद से पूछना वो उसी तरफ़ से गया न हो
वो फ़िराक़ हो कि विसाल हो तेरी आग महकेगी एक दिन
वो गुलाब बन के खिलेगा क्या जो चराग़ बन के जला न हो
fullmoon
25-05-2011, 08:37 PM
मैं जागता हूँ,सोता हूँ,सो के जाग जाता हूँ...
सदियों से चल रहा ये खेल , मैं मर के अमर हो जाता हूँ.....

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