सबके कर्ज़े चुका दूँ मरने से पहले, ऐसी मेरी नीयत है...
मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी, तेरी क्या कीमत है.?...
anita
19-11-2015, 07:05 PM
बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
मख़दूम मुहिउद्दीन
anita
19-11-2015, 07:09 PM
इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे
दिल के अँगारे को दहकाओ कि कुछ रात कटे
मख़दूम मुहिउद्दीन
anita
19-11-2015, 07:21 PM
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
अहमद फ़राज़
fullmoon
20-11-2015, 03:13 PM
आँधियों में भी जो जलता हुआ मिल जाएगा
उस दिए से पूछना, मेरा पता मिल जाएगा..
fullmoon
20-11-2015, 03:14 PM
मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का..
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!
fullmoon
20-11-2015, 03:15 PM
जिम्मेदारियाँ मजबूर कर देती हैं अपना शहर
छोड़ने को....
.
.
.
.
वरना कौन अपनी गली में
जीना नहीं चाहता...!!
fullmoon
20-11-2015, 03:20 PM
मेरा मजहब तो ...ये दो हथेलियाँ बताती हैं
जुड़े तो ';पूजा'; ...खुले तो ';दुआ'; कहलाती हैं
garima
20-11-2015, 08:20 PM
राधे राधे मित्रो
आज 10 से 11 महफ़िल में जरूर आये सभी गेस्ट से अनुरोध है की वः महफ़िल में जरूर आये ।आज महफ़िल में गेम होगा आशा है आप एन्जॉय करेगे।
आओ समय बिताये में चोपाल चर्चा में महफ़िल होगी नए पुराने दोस्त मिलेगे ।आप सब भी जरूर आये।
garima
20-11-2015, 08:22 PM
रातों को आवारगी की आदत हम दोनों को थी,
अफ़सोस चाँद को ग्रहण और मुझे इश्क़ हो गया
वाह मून जी बहुत खूब।
Anurag Singh
21-11-2015, 12:29 PM
माना हज़ार ग़म हैं इक ज़िंदगी के पीछे
फिर भी तो भागते हैं हम तुम उसी के पीछे
अफ़सोस बस है इतना अब भी वो ख़ुश नहीं है
दुनिया लुटा दी हमने जिसकी ख़ुशी के पीछे
राजेन्द्र तिवारी जी
pathfinder
21-11-2015, 08:52 PM
तकदीर बदल जायेगी अपने आप ही
मुस्कराना सीख ले बस वजह तलाश न कर |
pathfinder
21-11-2015, 08:58 PM
मैं उसके ख्याल से निकलूं तो कैसे निकलूं
वो मेरी सोच के हर रस्ते पर आता है
सोच=thinking
pathfinder
21-11-2015, 08:59 PM
मुझे पसंद हैं वो लोग
जो मुझे पसंद नहीं करते
pathfinder
21-11-2015, 09:01 PM
ऐ सरे राह पूछने वाले
हाल ऐ दिल इतना मुख्तसर भी नहीं
सरे राह=रास्ते में
हाल ऐ दिल =दिल का हाल
मुख्तसर=संक्षिप्त
fullmoon
21-11-2015, 09:05 PM
मैं उसके ख्याल से निकलूं तो कैसे निकलूं
वो मेरी सोच के हर रस्ते पर आता है
सोच=thinking
बहुत अच्छा शेर पाथ जी
pathfinder
22-11-2015, 06:06 PM
तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा |
anita
22-11-2015, 06:18 PM
तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज तो
स्वागत है पाथ जी
कैसे है आप?
pathfinder
22-11-2015, 07:51 PM
बहुत अच्छा शेर पाथ जी
धन्यवाद मून जी ,आपके जाने के बाद भी हमने आपके सूत्र का दामन नहीं छोड़ा |
स्वागत है पाथ जी
कैसे है आप?
मैं ठीक हूँ अनीता जी ,आपकी मेहनत धीरे धीरे रंग ला रही है |
pathfinder
22-11-2015, 07:51 PM
सामने मंजिल थी
पीछे उसकी आवाज़
रुकता तो सफर जाता
चलता तो बिछड जाता
मैखाना भी उसी का था
महफिल भी उसी की थी
अगर पीता तो ईमान जाता
न पीता तो सनम जाता
सज़ा ऐसी मिली मुझ को
जख्म ऐसे लगे दिल पर
छुपाता तो जिगर जाता
सुनाता तो बिखर जाता
anita
22-11-2015, 07:54 PM
धन्यवाद मून जी ,आपके जाने के बाद भी हमने आपके सूत्र का दामन नहीं छोड़ा |
मैं ठीक हूँ अनीता जी ,आपकी मेहनत धीरे धीरे रंग ला रही है |
जी आप जैसे वरिष्ठ सदस्यों का सहयोग चाहिए
anita
22-11-2015, 07:59 PM
दिल का दयार-ए-ख़्वाब में दूर तलक गुज़र रहा
पाँव नहीं थे दरमियाँ आज बड़ा सफ़र रहा
जॉन एलिया
pathfinder
22-11-2015, 08:15 PM
ग़म-ए-हयात का झगड़ा मिटा रहा है कोई
चले आओ के दुनिया से जा रहा है कोई
कोई अज़ल से कह दो के रुक जाए दो घड़ी
सुना है आने का वादा निभा रहा है कोई
वो इस नाज़ से बैठे हैं लाश के पास
जेसे रूठे हुए को मना रहा है कोई
पलट कर ना आ जाए फिर सांस नब्ज़ों मे
इतने हसीन हाथों से मय्यत सजा रहा है कोई..
अज़ल =मौत
अहमद फराज़...........
anita
22-11-2015, 09:04 PM
ये मिसरा नहीं है वज़ीफा मेरा है
खुदा है मुहब्बत, मुहब्बत खुदा है
कहूँ किस तरह में कि वो बेवफा है
मुझे उसकी मजबूरियों का पता है
ख़ुमार बाराबंकवी
anita
22-11-2015, 09:19 PM
कयामत यकीनन करीब आ गई है
"ख़ुमार" अब तो मस्ज़िद में जाने लगे है
ख़ुमार बाराबंकवी
anita
22-11-2015, 09:35 PM
गुज़रे है मयकदे से जो तौबा के बाद हम
कुछ दूर आदतन भी कदम लड़खड़ाए है
ख़ुमार बाराबंकवी
Anurag Singh
23-11-2015, 09:51 AM
हलाकि मै कोई महान छोडिये ढंग का शाइर भी नही बस टूटा फूटा प्रयास करता रहता हूँ ... एक शेर मेरा आप सबको पेश करता हूँ .....
ज़लज़ले छू के गुज़रते हैं हवा के जैसे
सर पे मां की हैं दुवाएं जो बचा लेती हैं ....... अनुराग सिंह "ऋषी"
pathfinder
23-11-2015, 11:15 AM
पर क्या लगे के घोंसले से उड़ गये सभी
वो फिर अकेली रह गई बच्चों को पाल कर...
fullmoon
23-11-2015, 02:47 PM
धन्यवाद मून जी ,आपके जाने के बाद भी हमने आपके सूत्र का दामन नहीं छोड़ा |
मैं ठीक हूँ अनीता जी ,आपकी मेहनत धीरे धीरे रंग ला रही है |
नही पाथ जी
कहीं गया नही था
आपको दोबारा सक्रीय देख कर अच्छा लग रहा है
anita
23-11-2015, 03:04 PM
हलाकि मै कोई महान छोडिये ढंग का शाइर भी नही बस टूटा फूटा प्रयास करता रहता हूँ ... एक शेर मेरा आप सबको पेश करता हूँ .....
ज़लज़ले छू के गुज़रते हैं हवा के जैसे
सर पे मां की हैं दुवाएं जो बचा लेती हैं ....... अनुराग सिंह "ऋषी"
जो भी कहे अनुराग जी शब्द और भावना दोनों बहुत अच्छी है
sanjaychatu
23-11-2015, 03:12 PM
ग़म-ए-हयात का झगड़ा मिटा रहा है कोई
चले आओ के दुनिया से जा रहा है कोई
Kya bat hai bhai .... Bahut accha ..
कोई अज़ल से कह दो के रुक जाए दो घड़ी
सुना है आने का वादा निभा रहा है कोई
वो इस नाज़ से बैठे हैं लाश के पास
जेसे रूठे हुए को मना रहा है कोई
पलट कर ना आ जाए फिर सांस नब्ज़ों मे
इतने हसीन हाथों से मय्यत सजा रहा है कोई..
अज़ल =मौत
अहमद फराज़...........
Kya bat kahi hai bhai ..... Bahut accha
Anurag Singh
23-11-2015, 04:01 PM
जो भी कहे अनुराग जी शब्द और भावना दोनों बहुत अच्छी है
बहुत बहुत शुक्रिया अनीता जी ज़र्रानवाज़ी के लिए
Anurag Singh
23-11-2015, 04:20 PM
न कहना बात तुम अच्छी,बुरा बर्ताव होता है।
यहाँ सच बोलने वालों पे ही पथराव होता है।।
**
खड़ा यूँ ही नहीं होता शज़र आकाश में तनकर।
जड़ों का भी ज़मीं में दूर तक फैलाव होता है।।
**
संजय तन्हा जी की कलम से
anita
23-11-2015, 04:21 PM
बहुत बहुत शुक्रिया अनीता जी ज़र्रानवाज़ी के लिए
चौपाल पे तशरीफ़ लाये वही गुफ्तगू होगी आप से
pathfinder
23-11-2015, 08:38 PM
मैं जैसे जैसे सच बोलता गया
मेरे दोस्त कम होते गए ....
fullmoon
24-11-2015, 06:03 PM
जो मुंह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से.......
जरा सी बारिश क्या हुई मिटटी की फितरत बदल गई.....!!!!!
fullmoon
24-11-2015, 06:05 PM
दुःख हूँ, दर्द हूँ, साज हूँ या बीते दिनों की आवाज हूँ
मैं जो कुछ भी हूँ जो कोई भी हूँ तुम बिन उदास हूँ.....
anita
24-11-2015, 06:20 PM
दुःख हूँ, दर्द हूँ, साज हूँ या बीते दिनों की आवाज हूँ
मैं जो कुछ भी हूँ जो कोई भी हूँ तुम बिन उदास हूँ.....
बहुत बढ़िया
Hats Off SaluteHats Off SaluteHats Off SaluteHats Off Salute
garima
24-11-2015, 07:10 PM
दुःख हूँ, दर्द हूँ, साज हूँ या बीते दिनों की आवाज हूँ
मैं जो कुछ भी हूँ जो कोई भी हूँ तुम बिन उदास हूँ.....
ई ऍम स्पीचलेस्स
garima
24-11-2015, 07:11 PM
मैं जैसे जैसे सच बोलता गया
मेरे दोस्त कम होते गए ....
जिंदगी का सच
बहुत खूब
garima
24-11-2015, 08:39 PM
समय महफ़िल की तरफ बढ़ रहा है तो आप भी आये सभी दोस्तों की महफ़िल रात 10 से 11 चोपाल चर्चा महफ़िल में।
आज का विषय है इतिहास पे चर्चा।
आप सभी आमन्त्रित है।
garima
24-11-2015, 08:40 PM
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महफ़िल का पता
रात 10 से 11
pathfinder
26-11-2015, 12:36 PM
हँसकर कबूल क्या करलीं, सजाएँ मैंने.......
ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया, हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का..
sanjaychatu
26-11-2015, 04:02 PM
सामने मंजिल थी
पीछे उसकी आवाज़
रुकता तो सफर जाता
चलता तो बिछड जाता
मैखाना भी उसी का था
महफिल भी उसी की थी
अगर पीता तो ईमान जाता
न पीता तो सनम जाता
सज़ा ऐसी मिली मुझ को
जख्म ऐसे लगे दिल पर
छुपाता तो जिगर जाता
सुनाता तो बिखर जाता
बहुत अच्छा है मित्र , क्या बात है
छुपाता तो जिगर जाता
सुनाता तो बिखर जाता
garima
26-11-2015, 07:59 PM
आज रात की महफ़िल चैट क्लब में शिफ्ट क्र दी गई है आप सभी सदस्य जिन्हें हिंदी में लिखने में दिक्कत होती है वो अब रोमन में लिख सकते है आप सभी आये महफ़िल रात 10 से 11।
आशा है आज कोई न आने का बहाना न होगा।
garima
26-11-2015, 08:01 PM
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आज से महफ़िल यहाँ सजेगी
महफ़िल का नया पता
रात 10 से 11
pathfinder
26-11-2015, 08:26 PM
इक शख्स पाबंद कर गया मुझे लम्हों की क़ैद में
आँखों में अपनी याद के पहरे बिठा गया
garima
27-11-2015, 09:59 AM
आज साक्षात्कार सूत्र फिर से खुल गया है आज का साक्षात्कार संजय जी का है
सभी से निवेदन है की आप जो भी सवाल संजय जी से पूछना चाहे पूछ सकते है
साक्षासत्कार में
धन्यवाद
pathfinder
27-11-2015, 10:15 AM
लाख दस्तक हुयी मेरी ज़ीस्त के सहरा में मगर
दिल का दरवाज़ा तेरे बाद न खोला मैंने |
ज़ीस्त=जिंदगी
सहरा =रेगिस्तान
pathfinder
27-11-2015, 10:17 AM
लेने दे मुझे तू अपने ख्यालों की तलाशी
मेरी नींद चोरी हो गयी हे ,मुझे शक है तुझ पर |
anita
27-11-2015, 06:00 PM
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये
निदा फ़ाज़ली
fullmoon
03-12-2015, 11:13 AM
जब जब लोग परेशान हो जाते हैं,
तो काफी हद तक इंसान हो जाते हैं..!
fullmoon
07-12-2015, 11:41 AM
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
fullmoon
07-12-2015, 11:43 AM
आओ हवाओ का सिरा पकड़कर आज चाँद पर टहल आये... . .
मुकम्मल ख्वाब के लिए ये ज़मीं अब छोटी सी लगती है...
fullmoon
10-12-2015, 05:08 PM
लहजे में बदजुबानी, चेहरे पे नक़ाब लिए फिरते हैं;
जिनके ख़ुद के बही-खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।
fullmoon
10-12-2015, 05:09 PM
हथौडे लाख पड़ते है तब पत्थर से मूरत बनती है
इतना आसन नहीँ होता यूँ खुद को बदल पाना
mangal
12-12-2015, 08:34 PM
हथौडे लाख पड़ते है तब पत्थर से मूरत बनती है
इतना आसन नहीँ होता यूँ खुद को बदल पाना
सच कहा आपने मून जी,
धन्यवाद .
fullmoon
13-12-2015, 03:55 PM
कट गया पेड़ मगर ताल्लुक़ की बात थी,
बैठे रहे ज़मीन पर परिंदे रात भर...
fullmoon
13-12-2015, 03:56 PM
छोडो बिखरने देते हैं ज़िंदगी को..
आखिर समेटने की भी एक हद होती है...
fullmoon
13-12-2015, 03:58 PM
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…!!
fullmoon
13-12-2015, 03:58 PM
जगह ही नही दिल में अब दुश्मनो के लियें,
कब्ज़ा दोस्तों का कुछ ज्यादा ही हो गया है..!!
fullmoon
13-12-2015, 03:59 PM
तू नहीं तेरे अंदर बैठे रब से मोहब्बत है मुझे..
तू तो बस एक जरिया है मेरी इबादत का..
garima
13-12-2015, 04:38 PM
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…!!
सच सच और एक सच ।
इतना अच्छा की दिल को मेरे छु गया।
fullmoon
21-12-2015, 09:01 AM
रजाईयां नहीं हैं उनके नसीब में......
गरीब गर्म हौसले ओढ़कर सो जाते हैं
fullmoon
21-12-2015, 09:02 AM
शिकायत मौत से नहीं, अपनों से थी...
जरा सी आँख बंद क्या हूई, वो कब्र खोदने लगे...
fullmoon
21-12-2015, 09:04 AM
तोड़ ले जाते हैं पत्तों को गुजरने वाले...
इतनी नीची मेरे अहसास की डाली क्यों है...
garima
21-12-2015, 11:12 AM
तोड़ ले जाते हैं पत्तों को गुजरने वाले...
इतनी नीची मेरे अहसास की डाली क्यों है...
मून जी आपकी शायरी के बहुत बड़े फैन है
इतनी गहराई है शायरियों में
आपकी तारीफ है
fullmoon
22-12-2015, 08:12 PM
जिन्दगीं में उस का दुलार काफी हैं,
सर पर उस का हाथ काफी हैं,
दूर हो या पास…क्या फर्क पड़ता हैं,
माँ का तो बस एहसास ही काफी हैं !
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fullmoon
22-12-2015, 08:17 PM
माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाऐ,
जिसको निगाहों में बिठाया जाऐ,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो हमसे भी...
.... मुस्कुराया ना जाऐ...
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fullmoon
22-12-2015, 08:22 PM
गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता,
चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता,
प्यार होता है मन की निर्मल भावनाओं से,
वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता
garima
22-12-2015, 08:32 PM
गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता,
चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता,
प्यार होता है मन की निर्मल भावनाओं से,
वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता
बहुत बहुत तारीफ ।दिल को छु गई ये 3नो।
और माँ बच्चे की स्नेप वाह उसमे कितने इमोशन झलक रहे है माँ की ममता और प्यार के
बच्चे की मासूमियत के।।
और राधा कृष्ण की भावना बहुत बहुत खूब
बहुत सारी रेपो देना चाहती हु पर दे नहीं प् रही। ये रेपो से भी बढ़ के है
और सच
fullmoon
22-12-2015, 08:37 PM
बहुत बहुत तारीफ ।दिल को छु गई ये 3नो।
और माँ बच्चे की स्नेप वाह उसमे कितने इमोशन झलक रहे है माँ की ममता और प्यार के
बच्चे की मासूमियत के।।
और राधा कृष्ण की भावना बहुत बहुत खूब
बहुत सारी रेपो देना चाहती हु पर दे नहीं प् रही। ये रेपो से भी बढ़ के है
और सच
थैंक्स गरिमा जी
fullmoon
23-12-2015, 07:03 PM
कभी ना कहो कि दिन अपने खराब हैं,
समझ लो कि हम काँटों से घिर गये गुलाब है..!!
fullmoon
23-12-2015, 07:03 PM
सियासत इस कदर आवाम पे अहसान करती है..!
खुद आँखे छीन लेती है और चश्में दान करती है..!!
garima
25-12-2015, 07:10 PM
चलने दो जरा आँधियाँ हकीकत की.
न जाने कौन से झोंके में अपनों के मुखौटे उड़ जाएं!!!
garima
25-12-2015, 07:13 PM
अधूरी ज़िन्दगी महसूस होती है.
मुझे तेरी कमी महसूस होती है
garima
25-12-2015, 07:15 PM
हम ये नहीं चाहते की कोई आपके लिए ‘दुआ’ ना मांगे
हम तो बस इतना चाहते है की कोई ‘दुआ में ‘आपको’ ना मांगे
garima
25-12-2015, 07:19 PM
उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,.........
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था!!!
garima
25-12-2015, 07:20 PM
!!!आज़मा ले मुझको थोडा और, ए खुदा…
तेरा “बंदा” बस बिखरा हैं अब तक, टूटा नही!!!
garima
25-12-2015, 07:22 PM
तेरा जिक्र..तेरी फ़िक्र..तेरा एहसास..तेरा ख्याल।
तू खुदा नहीं..फिर हर जगह मौजूद क्यों है।।
garima
25-12-2015, 07:26 PM
यूँ दवा लेने से तेरी हिचकियाँ नहीं थमने वाली,
इलाज़ चाहिए तो मेरी मौत की दुआ किया करिए !!!
garima
25-12-2015, 07:28 PM
"उल्टी ही चाल चलते हैं इश्क़ के दीवाने.
आँखों को बंद करते हैं दीदार के लिये..."
garima
25-12-2015, 07:29 PM
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको!!!
garima
25-12-2015, 07:30 PM
सांसो के सिलसिले को ना दो जिंदगी का नाम...
जीने के बावजूद भी मर जाते है कुछ लोग ...
garima
25-12-2015, 07:31 PM
तेरी यादों में बिखरा पड़ा है मेरा वजूद ...
तुमने कभी ढूंढा ही नहीं मुझे ढूढ़ने वालों की तरह !!
garima
25-12-2015, 07:32 PM
कमज़ोर पड़ गया है, मुझसे तुम्हारा ताल्लुक,,,
या, कहीं और सिलसिले मजबूत हो गए !!!
garima
25-12-2015, 07:34 PM
मेरे सज़दों में कमी तो न थी ऐ खुदा,.ll
क्या मुझसे भी ज्यादा किसी और ने चाहा था उसे ।
garima
25-12-2015, 07:35 PM
भरोसा चाहते हो तो थोडा तुम भी रखो मुझ पर !
ये प्यार नहीं....जो इकतरफा हो जाये[
garima
25-12-2015, 07:36 PM
"किश्तों में खुदकुशी कर रही है ज़िन्दगी
एक इंतज़ार तेरा ,मुझे पूरा मरने नहीं देता,,,,,!!!
garima
25-12-2015, 07:40 PM
उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों में कैसे बयान करें…
वो रहता दिल में…धडकता दर्द में…और बहता अश्क में !!!
garima
25-12-2015, 07:41 PM
कोहराम मचा रखा है मेरी सर्द आहों ने....
तेरे दिल का मौसम है जो बदलने का नाम नहीं लेता...!!!
garima
25-12-2015, 07:43 PM
"उल्टी ही चाल चलते हैं इश्क़ के दीवाने.
आँखों को बंद करते हैं दीदार के लिये..."
garima
25-12-2015, 07:44 PM
मुद्दतों बाद उसने पूछ ही लिया ,
क्या चल रहा आज कल....
मैंने भी बेफ़िक्री से कह दिया,
......... .........
सांसे!!!
garima
25-12-2015, 07:46 PM
.
मैं तो बिक जाऊँ तेरे नाम पे बेमोल-बेदाम ......
तू कभी खरीदार बनके तो आ मेरे दिल के बाज़ार में........
.
garima
25-12-2015, 07:48 PM
तुम ने कुछ पढ़ दिया दुआ में क्या ?
आज तबियत में कुछ आराम सा है !!
garima
25-12-2015, 07:49 PM
तू एक बार मेरी निगाहो मे देखकर कह दे कि हम तेरे काबिल नहीं,कसम तेरी चलती साँसो की हम तुझे देखना तक छोङ देंगे!!!
garima
25-12-2015, 07:51 PM
मजबूरियां हावी हो जाये ये जरूरी तो नहीं साहब।
थोड़े बहुत शौक तो गरीबी भी रखती है !!!
garima
25-12-2015, 07:52 PM
मोहब्बत, इन्तजार, बेबसी, तड़प
इतने कपड़ो में भला ठण्ड लगती है क्या...!!
anita
25-12-2015, 08:08 PM
इक कर्ब-ए-मुसलसल की सज़ा दें तो किसे दें
मक़्तल में हैं जीने की दुआ दें तो किसे दें
आनिस मुईन
anita
25-12-2015, 08:11 PM
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
sanjaychatu
26-12-2015, 11:59 AM
"किश्तों में खुदकुशी कर रही है ज़िन्दगी
एक इंतज़ार तेरा ,मुझे पूरा मरने नहीं देता,,,,,!!!
वाह वाह , क्या खूब कही है। बहुत दर्द है जी।
रेपो आपको
sanjaychatu
26-12-2015, 12:05 PM
बाकि सभी भी एक से बड़के एक ,
garima
26-12-2015, 09:01 PM
मुझे मालूम नहीं कि मेरी आँखों को तलाश किस की है,
पर तुझे देखूं तो बस मंज़िल का गुमान होता है.
garima
26-12-2015, 09:02 PM
यकिन जानो ..मे तुम्हारे उन कैदियों मे से हुँ..
जो खुले दरवाजे देखकर भी फरार नही होते!!!
garima
26-12-2015, 09:03 PM
वो करीब बहुत है...मगर कुछ दूरियों के साथ...,
हम दोनों जी तो रहे है...पर बहुत सी मजबूरीयों के साथ...।'
garima
26-12-2015, 09:05 PM
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल❤
अभी तो पलकें झुकाई है !
मुस्कुराना अभी बाकी है उनका!!!
garima
26-12-2015, 09:13 PM
अब उसे ना सोचूं तो जिस्म टूटने लगता है...
एक वक्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते करते..!!!
garima
26-12-2015, 09:15 PM
कोई इल्ज़ाम रह गया हो तो वो भी दे दो,
पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही...!!
garima
26-12-2015, 09:16 PM
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो !!
garima
26-12-2015, 09:17 PM
"मालूम नहीं क्यूँ मगर कभी कभी अल्फाजों से ज्यादा,
मुझे तेरा नाम लिखना अच्छा लगता है!!!
garima
26-12-2015, 09:18 PM
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से,
दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया|
garima
26-12-2015, 09:20 PM
राह ताकते हुए जब थक गई आखेँ मेरी,
फिर तुझे ढूँढने मेरी आंख से आंसू निकले... कान्हा
garima
26-12-2015, 09:23 PM
[COLOR="#0000FF"] करेगा ज़माना कदर
हमारी भी एक दिन देख लेना ,
बस जरा वफ़ा की बुरी
आदत छूट जाने दो
fullmoon
26-12-2015, 09:23 PM
!!!आज़मा ले मुझको थोडा और, ए खुदा…
तेरा “बंदा” बस बिखरा हैं अब तक, टूटा नही!!!
अति सुन्दर गरिमा जी
इसे तो मैं अपना व्हाट्सएप्प स्टेटस बनाऊंगा
fullmoon
26-12-2015, 09:23 PM
सभी शेर एक से एक उम्दा
fullmoon
26-12-2015, 09:25 PM
घड़ा सर पर रख पानी बड़ी दूर से लाती है.....
माँ की होली तो रोज़ होती है....
वो रोज़ भीग जाती है ....
garima
26-12-2015, 09:25 PM
जी बहुत धन्यवाद मून जी इतनी बड़ी बात कह दी आपने।
ये तो आपकी नजर है जो इतना सुंदर स्टेटस चुना।
और तारीफ उसकी जिसने इसे लिखा।
fullmoon
26-12-2015, 09:28 PM
ज़िन्दगी चैन सें गुजर जाऐ...
वो अगर जहन सें उतर जाऐ...
anita
26-12-2015, 09:29 PM
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
परवीन शाकिर
fullmoon
01-01-2016, 07:16 PM
आज भी आंसू से देता हूँ ब्याज तेरा,
तेरी मोहब्बत का कर्ज़ा बहुत भारी पड़ा
pathfinder
02-01-2016, 12:35 PM
लाख अपने गिर्द हिफ़ाजत की लकीरें खींचो
एक भी उनमे नहीं माँ की दुआओं जैसी
गिर्द=around
हिफ़ाजत की लकीरे =सुरक्षा घेरा
sanjaychatu
02-01-2016, 01:38 PM
राह ताकते हुए जब थक गई आखेँ मेरी,
फिर तुझे ढूँढने मेरी आंख से आंसू निकले... कान्हा
वाह वाह , क्या बात है ," फिर तुझे ढूढ़ने मेरे आंसू निकले
sanjaychatu
02-01-2016, 01:40 PM
आज भी आंसू से देता हूँ ब्याज तेरा,
तेरी मोहब्बत का कर्ज़ा बहुत भारी पड़ा
क्या बात है मून जी , बहुत खूब
garima
10-01-2016, 05:38 PM
तेरी यादो में बिखरा पड़ा है मेरा वज़ूद
तुमने कभी ढूंढा ही नहीं ढूंढने वालो की तरह।
garima
10-01-2016, 06:13 PM
इतना मगरूर मत बन मुझे वक्त कहते है।
मैंने कई बादशाहो को दरबान बनाया है।
garima
10-01-2016, 06:15 PM
मेरी आह को वाह मिलती है
कौन कहता है
यहाँ दर्द नहीं बिकता।
garima
10-01-2016, 06:17 PM
हम पर दुःख का पर्वत टूटा
तो हमने दो चार कही।
उसपे तब क्या बीती होगी जिसने शेर हजार कहे
garima
10-01-2016, 06:20 PM
फिर से तेरी याद मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी है।
वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश जनवरी है।
garima
10-01-2016, 06:23 PM
महफ़िल भले प्यार वालो की हो
पर उसमे रौनक तो दिल लुटे हुए आशिक ही लाते है।।
garima
10-01-2016, 06:26 PM
बर्बाद कर देती है मोहब्बत
हर मोहब्बत करने वालो को
क्योंकि इश्क हार नहीं मानता
दिल बात नहीं मानता।।
garima
10-01-2016, 06:35 PM
रिश्वत भी नहीं लेती कमबख्त तुझे छोड़ने की
तेरी यादे मुझे बहुत ईमानदार लगती है।
garima
10-01-2016, 06:37 PM
मैंने सलीका न सीखा बगीचे की बागवानी का
ऐ जालिम
फ़ूल हो या कांटे इश्क बराबर करता हु मैं।
garima
10-01-2016, 06:42 PM
आज कोई शायरी नहीं बस इतना सुन लो
मैं तन्हा हु यहाँ और वजह बस तुम हो।
Unregistered
12-01-2016, 09:25 PM
जो बुराई मेरे नाम से मंसूब हुई
दोस्तों! कितना बुरा था मेरा अच्छा होना
bahut sahi baat,,,,,,,,
Unregistered
12-01-2016, 09:27 PM
हाँ याद आया, उसकी आखिरी अलफ़ाज़ यही थे
अब जी सको तो जी लेना, मर जाओ तो बेहतर है
dil ko chhu liya,,,,,,,,
Unregistered
12-01-2016, 09:30 PM
मैं तो मोम था इक आंच में पिघल जाता
तेरा सुलूक़ मुझे पत्थरों में ढाल गया
bahut khoob,,,,,,,,,
garima
13-01-2016, 09:59 PM
हमने पहले बताया था शीश है हम हमे सम्भाल के रखना।
हम तेरे हाथ से छूटे तो बिखर जायेगे
garima
13-01-2016, 10:02 PM
कल थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल में
जब हमारी बारी आई तो हमने कहा
इसे भी इश्क हो,इसे भी इश्क हो ,इसे भी इश्क हो
garima
13-01-2016, 10:05 PM
अजीब अदा है ऐ यार तेरे दिल की
नजर भी हमपे है
और नराजगी भी हमसे है
gill1313
13-01-2016, 10:09 PM
वो कह गये कभी न आएँगे ,रात सपनों में आये थे झूठे कहीं के !!!!!
garima
14-01-2016, 08:33 PM
तेरे गुरुर को देख कर तुझे चाहना ही छोड़ दिया हमने
जरा हम भी देखे कोण चाहता है तुम्हे हमारी तरह
garima
14-01-2016, 08:37 PM
प्यार जब मिलता नहीं तो होता ही क्यों है।
अगर ख्वाब सच नहीं होता तो इंसान सोता ही क्यों हैं।
जब यही प्यार आँखों के सामने किसी और का हो जाए
तो फिर ये पागल दिल इतना रोता क्यों है।
garima
14-01-2016, 08:38 PM
समझ नहीं आ रहा की
जिंदगी तुझे भुलाने में कट रही है
या तुझे याद करने में।
garima
14-01-2016, 08:42 PM
वफ़ा फरेब ,खोना ,पाना ये सब तो नादानियाँ हैं
मुकम्मल इश्क तो इबादत है बस करते चले जाना है।
garima
14-01-2016, 08:45 PM
नींद का बटवारा कुछ यु हुआ मेरा "ऐ दोस्तों"
कुछ मोबाइल के हिस्से आई कुछ ख्वाब के हाथ लगी।
garima
14-01-2016, 08:48 PM
तू गया वक्त तो नहीं जो भुला दू तुझको
तू तो मेरा हाल है जो बीत रहा है मुझ पर
garima
14-01-2016, 08:50 PM
टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गए।
किसी को लग न जाए इसलिए सबसे दूर हो गए।
garima
14-01-2016, 08:52 PM
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है।
garima
14-01-2016, 08:57 PM
समय बहा कर ले जाता है नाम और निशाँ
कोई हम में रह जाता है और कोई अहम् में
garima
14-01-2016, 09:00 PM
मिटाने की कोशिश तुमने भी की हमने भी की। हमने हमने फासला और तुमने हमारा वजूद
anita
14-01-2016, 09:04 PM
बहुत बढ़िया गरिमा जी
खूबसूरत अशरार
garima
14-01-2016, 09:05 PM
हां है तो मुस्कुरा दे
न है तो नजर फेर ले।
यु शर्मा के आँखे झुकाने से उलझने बढ़ रही है।
garima
14-01-2016, 09:06 PM
बहुत बढ़िया गरिमा जी
खूबसूरत अशरार
धन्यवाद अनीता जी
garima
15-01-2016, 02:12 PM
तेरी तोहमत ने मुझे ये होसला दिया।
अब तो हर ठोकर पे मुस्कुराने का हुनर सीख लिया।
garima
15-01-2016, 02:14 PM
अजीब सी हालत है अकेले रोना भी खूब कारीगरी है दोस्तों।
सवाल भी खुद का रहता है और जवाब भी खुद को देना पड़ता है।
garima
15-01-2016, 02:16 PM
तुझे जैसे चलना हो वैसे चल ऐ जिंदगी।
मैंने तुझसे अब हर उम्मीद छोड़ रखी है।
garima
15-01-2016, 02:18 PM
हर रात यही सोचते सोचते गुजर जाती है
मोहब्बत सजा है, मजा है, या गुनाह है।
garima
15-01-2016, 02:20 PM
ये तेरे याद के बदल जो बसते है इन आँखों में काजल की तरह
यु बेवजह बरस जाना इनकी आदत तो न थी।
garima
15-01-2016, 02:23 PM
कांच के टुकड़े बनकर बिखर गई है जिंदगी मेरी।
किसी ने समेटा ही नहीं हाथ जख्मी होने के डर से।
garima
15-01-2016, 02:25 PM
कितना मुश्किल है मोहब्बत की कहानी लिखना।
जैसे पानी पे पानी से पानी लिखना।
garima
15-01-2016, 02:27 PM
तुम पूछो और मैं न बताऊ ऐसे तो हालात नहीं
एक जरा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
garima
15-01-2016, 02:30 PM
उफ़ ये गजब की रात और ये ठण्डी हवा का आलम
हम भी खूब सोते अगर उनकी बाहो में होते।
garima
15-01-2016, 02:32 PM
खुदा का शुक्र है की उसने ख्वाब बना दिए।
वर्ना तुझसे मिलने की तमन्ना कभी पूरी न होती
garima
15-01-2016, 02:34 PM
अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदे भी रूठ गई।
गुमनाम जिंदगी थी तो कितने सुकून से सोया करते थे।
garima
15-01-2016, 02:36 PM
यूं तो सब सलामत है तेरी दुनिया में ऐ खुदा।
बस रिश्ते ही है जो अब टूटे टूटे से नजर आते है।
garima
15-01-2016, 02:37 PM
माना के मुमकिन नहीं तेरा मेरा एक हो जाना।
पर सुना है दुनिया में चमत्कार भी बहुत होते है।
garima
15-01-2016, 02:39 PM
अजीब इत्तेफाक है की प्रेम की कोई सीमा नहीं होती।
और सीमा में रहकर प्रेम नहीं होता।
garima
15-01-2016, 02:41 PM
वो कोई इल्जाम दे देते मुझे तो ठीक था।
उनकी चुप ने मुझे और सताया है।
garima
15-01-2016, 02:42 PM
जहर से ज्यादा खतरनाक है ये मोहब्बत
जरा सा कोई चख ले तो मर मर के जीता है
garima
15-01-2016, 02:53 PM
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा।
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है।
garima
15-01-2016, 02:55 PM
यह सोचना गलत है। की तुम पर नजर नहीं।
मशरूफ हम बहुत है मगर बेखबर नहीं।
sanjaychatu
15-01-2016, 03:00 PM
आज के शहर के मौसम का कुछ खास ही फ़साना है ,
मेरे यार के सदके ये मंज़र ही नहीं , हवाए भी शायराना है
sanjaychatu
15-01-2016, 03:04 PM
मुबारक हो तुम्हे और तेरी पलकों को नींद का आलम ,
मेरी तो लगती नहीं की तुम आ के न चली जाओ कही
garima
15-01-2016, 03:07 PM
मुबारक हो तुम्हे और तेरी पलकों को नींद का आलम ,
मेरी तो लगती नहीं की तुम आ के न चली जाओ कही
बहुत अच्छा लिखा है संजय जी
sanjaychatu
15-01-2016, 03:08 PM
उनसे इनाम का तलबगार था , खुदी ने ही ये इल्जाम दे दिया
शोखी से हँस के मेरी मासूम मोहब्बत को , खता का का नाम दे दिया
sanjaychatu
15-01-2016, 03:09 PM
बहुत अच्छा लिखा है संजय जी
किसी स्पेशल के लिए लिखे है जी
sanjaychatu
15-01-2016, 03:15 PM
तन्हा सफर पे निकले थे , राहो में मददगार मिल गया
कँटीली उम्र कि राहो में ,बेगानो में, मुझे यार मिल गया
sanjaychatu
15-01-2016, 03:18 PM
बहुत अच्छा लिखा है संजय जी
वैसे ये तारीफ है की खिचाई , ?
बस जी जो दिल में आ रहा है लिखता जा रहा हु। सारी एक दम ताजी जिलेबी सी है
ख़राब लगे तो एडवांस में सॉरी
garima
15-01-2016, 03:37 PM
वैसे ये तारीफ है की खिचाई , ? बस जी जो दिल में आ रहा है लिखता जा रहा हु। सारी एक दम ताजी जिलेबी सी है ख़राब लगे तो एडवांस में सॉरीअरे नहीं जी वाकई काबिले तारीफ है। खुशनसीब है वो जिसके लिए आप शायर बन गएवाह वाह
fullmoon
15-01-2016, 04:08 PM
पेश है माँ पर लिखे मुन्नवर राणा जी के कुछ शेर चित्रों के साथ
fullmoon
15-01-2016, 04:09 PM
.........
907961
fullmoon
15-01-2016, 04:10 PM
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15-01-2016, 04:10 PM
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15-01-2016, 04:11 PM
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15-01-2016, 04:12 PM
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15-01-2016, 04:13 PM
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15-01-2016, 04:13 PM
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15-01-2016, 04:14 PM
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15-01-2016, 04:15 PM
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15-01-2016, 04:16 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:25 PM
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15-01-2016, 05:26 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:27 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:28 PM
.......
907974
garima
15-01-2016, 05:29 PM
सच बहुत खूब मून जी
माँ रो देती है
गुनाह धो देती है
fullmoon
15-01-2016, 05:29 PM
.......
907975
fullmoon
15-01-2016, 05:31 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:32 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:33 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:34 PM
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fullmoon
15-01-2016, 05:35 PM
.........
907980
fullmoon
15-01-2016, 05:37 PM
सच बहुत खूब मून जी
माँ रो देती है
गुनाह धो देती है
माँ पर लिखी मुन्नवर राणा के सब शेर बेस्ट हैं गरिमा जी
कभी समय मिले तो ज़रूर पढियेगा
garima
15-01-2016, 07:13 PM
माँ पर लिखी मुन्नवर राणा के सब शेर बेस्ट हैं गरिमा जी
कभी समय मिले तो ज़रूर पढियेगा
जी बिलकुल पढ़ेंगे ।
मून जी आप हमे ऐसे ही और शेर पढ़ने को देते रहे हम पढ़ते रहेगे।
बहुत प्यारे लिखे गए है
anita
15-01-2016, 08:33 PM
माँ पर लिखी मुन्नवर राणा के सब शेर बेस्ट हैं गरिमा जी
कभी समय मिले तो ज़रूर पढियेगा
जी बिलकुल पढ़ेंगे ।
मून जी आप हमे ऐसे ही और शेर पढ़ने को देते रहे हम पढ़ते रहेगे।
बहुत प्यारे लिखे गए है
मुन्नवर राणा जी का नाम उर्दू शेरी शायरी के आसमान में सूरज की तरह चमचमाता है
इनका मोहाजिरनामा पढियेगा, आँख से आँसू निकल आयेंगे
anita
15-01-2016, 08:34 PM
मुहाजिरनामा
मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ आए हैं,
तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:36 PM
कहानी का ये हिस्सा आज तक सब से छुपाया है,
कि हम मिट्टी की ख़ातिर अपना सोना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:36 PM
नई दुनिया बसा लेने की इक कमज़ोर चाहत में,
पुराने घर की दहलीज़ों को सूना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:37 PM
अक़ीदत से कलाई पर जो इक बच्ची ने बाँधी थी,
वो राखी छोड़ आए हैं वो रिश्ता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:38 PM
किसी की आरज़ू के पाँवों में ज़ंजीर डाली थी,
किसी की ऊन की तीली में फंदा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:43 PM
पकाकर रोटियाँ रखती थी माँ जिसमें सलीक़े से,
निकलते वक़्त वो रोटी की डलिया छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:43 PM
जो इक पतली सड़क उन्नाव से मोहान जाती है,
वहीं हसरत के ख़्वाबों को भटकता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:44 PM
यक़ीं आता नहीं, लगता है कच्ची नींद में शायद,
हम अपना घर गली अपना मोहल्ला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:45 PM
हमारे लौट आने की दुआएँ करता रहता है,
हम अपनी छत पे जो चिड़ियों का जत्था छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:46 PM
हमें हिजरत की इस अन्धी गुफ़ा में याद आता है,
अजन्ता छोड़ आए हैं एलोरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:46 PM
सभी त्योहार मिलजुल कर मनाते थे वहाँ जब थे,
दिवाली छोड़ आए हैं दशहरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:47 PM
हमें सूरज की किरनें इस लिए तक़लीफ़ देती हैं,
अवध की शाम काशी का सवेरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:48 PM
गले मिलती हुई नदियाँ गले मिलते हुए मज़हब,
इलाहाबाद में कैसा नज़ारा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:49 PM
हम अपने साथ तस्वीरें तो ले आए हैं शादी की,
किसी शायर ने लिक्खा था जो सेहरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:50 PM
कई आँखें अभी तक ये शिकायत करती रहती हैं,
के हम बहते हुए काजल का दरिया छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:50 PM
शकर इस जिस्म से खिलवाड़ करना कैसे छोड़ेगी,
के हम जामुन के पेड़ों को अकेला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:51 PM
वो बरगद जिसके पेड़ों से महक आती थी फूलों की,
उसी बरगद में एक हरियल का जोड़ा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:51 PM
अभी तक बारिसों में भीगते ही याद आता है,
के छप्पर के नीचे अपना छाता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:52 PM
भतीजी अब सलीके से दुपट्टा ओढ़ती होगी,
वही झूले में हम जिसको हुमड़ता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:53 PM
ये हिजरत तो नहीं थी बुजदिली शायद हमारी थी,
के हम बिस्तर में एक हड्डी का ढाचा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:54 PM
हमारी अहलिया तो आ गयी माँ छुट गए आखिर,
के हम पीतल उठा लाये हैं सोना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:54 PM
महीनो तक तो अम्मी ख्वाब में भी बुदबुदाती थीं,
सुखाने के लिए छत पर पुदीना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 08:55 PM
वजारत भी हमारे वास्ते कम मर्तबा होगी,
हम अपनी माँ के हाथों में निवाला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:00 PM
यहाँ आते हुए हर कीमती सामान ले आए,
मगर इकबाल का लिखा तराना छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:00 PM
हिमालय से निकलती हर नदी आवाज़ देती थी,
मियां आओ वजू कर लो ये जूमला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:01 PM
वजू करने को जब भी बैठते हैं याद आता है,
के हम जल्दी में जमुना का किनारा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:02 PM
उतार आये मुरव्वत और रवादारी का हर चोला,
जो एक साधू ने पहनाई थी माला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:02 PM
जनाबे मीर का दीवान तो हम साथ ले आये,
मगर हम मीर के माथे का कश्का छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:03 PM
उधर का कोई मिल जाए इधर तो हम यही पूछें,
हम आँखे छोड़ आये हैं के चश्मा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:03 PM
हमारी रिश्तेदारी तो नहीं थी हाँ ताल्लुक था,
जो लक्ष्मी छोड़ आये हैं जो दुर्गा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:04 PM
गले मिलती हुई नदियाँ गले मिलते हुए मज़हब,
इलाहाबाद में कैसा नाज़ारा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:05 PM
कल एक अमरुद वाले से ये कहना गया हमको,
जहां से आये हैं हम इसकी बगिया छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:05 PM
वो हैरत से हमे तकता रहा कुछ देर फिर बोला,
वो संगम का इलाका छुट गया या छोड़ आए हैं।
anita
15-01-2016, 09:06 PM
अभी हम सोच में गूम थे के उससे क्या कहा जाए,
हमारे आन्सुयों ने राज खोला छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:06 PM
मुहर्रम में हमारा लखनऊ इरान लगता था,
मदद मौला हुसैनाबाद रोता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:07 PM
जो एक पतली सड़क उन्नाव से मोहान जाती है,
वहीँ हसरत के ख्वाबों को भटकता छोड़ आए हैं।
anita
15-01-2016, 09:07 PM
महल से दूर बरगद के तलए मवान के खातिर,
थके हारे हुए गौतम को बैठा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:08 PM
तसल्ली को कोई कागज़ भी चिपका नहीं पाए,
चरागे दिल का शीशा यूँ ही चटखा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:09 PM
सड़क भी शेरशाही आ गयी तकसीम के जद मैं,
तुझे करके हिन्दुस्तान छोटा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:09 PM
हसीं आती है अपनी अदाकारी पर खुद हमको,
बने फिरते हैं युसूफ और जुलेखा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:09 PM
गुजरते वक़्त बाज़ारों में अब भी याद आता है,
किसी को उसके कमरे में संवरता छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:10 PM
हमारा रास्ता तकते हुए पथरा गयी होंगी,
वो आँखे जिनको हम खिड़की पे रखा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:10 PM
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता है
हम अपनी झील में एक चाँद उतरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:10 PM
ये दो कमरों का घर और ये सुलगती जिंदगी अपनी,
वहां इतना बड़ा नौकर का कमरा छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:11 PM
हमे मरने से पहले सबको ये ताकीत करना है ,
किसी को मत बता देना की क्या-क्या छोड़ आए हैं ।
anita
15-01-2016, 09:11 PM
दुआ के फूल जहाँ पंडित जी तकसीम करते थे
वो मंदिर छोड़ आये हैं वो शिवाला छोड़ आये हैं